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नवजात बच्चों का जीवन बचाने वाली डॉक्टर वर्जीनिया अपगार को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

वर्जीनिया अपगार को नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए 'अपगार स्कोर' बनाने के लिए जाना जाता है

Updated On: Jun 07, 2018 10:11 AM IST

FP Staff

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नवजात बच्चों का जीवन बचाने वाली डॉक्टर वर्जीनिया अपगार को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

अमेरिका की डॉक्टर 'वर्जीनिया अपगार' के 109वें जन्मदिन पर गूगल ने खास डूडल बनाकर उनको श्रद्धांजलि दी है. वर्जीनिया अपगार को नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए 'अपगार स्कोर' बनाने के लिए जाना जाता है. उनकी इस खोज से शिशु के जन्म के 24 घंटे के अंदर उनके स्वास्थ्य का पता लगाना आसान हो गया.

'अपगार स्कोर' पांच मापदंडों पर तय किया जाता है जैसे अपीयरेंस (शिशु का रंग),पल्स (हार्ट रेट), मुह बनाकर प्रतिक्रियाएं देना, किसी तरह की कोई गतिविधी करना और सांस लेना. इन मापदंडो के आधार पर ही 'अपगार स्कोर' के जरिए शिशु के स्वास्थ्य पता लगाना संभव हो पाया.

गूगल डूडल ने इस खास मौके पर एक एनिमेटेड और रंग विरंगा डूडल बनाया है. इसमें डॉक्टर वर्जीनिया अपगार पेन पकड़े हुए नजर आ रही है और शिशु को देख कर उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नोट कर रही हैं.

कौन थी डॉक्टर वर्जीनिया

'वर्जीनिया अपगार' का जन्म 7 जून 1909 को अमेरिका में हुआ था. वैसे तो उनका जन्म एक संगीत प्रेमी परिवार में हुआ मगर उनका रूचि हमेशा साइंस और मेडिसिन में ही रही. 1949 में सर्जरी में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. कोलंबिया यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फिज़िशियंस एंड सर्जंस में प्रोफेसर बनने वाली डॉक्टर वर्जीनिया पहली महिला थीं. 1950 में  अमेरिका में जब शिशु मृत्यु दर बढ़ने लगा तो डॉक्टर वर्जीनिया और उनकी टीम ने मिलकर नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए कोई तरीका ढूंढना शुरू किया. 1960 में अपगार स्कोर की खोज के साथ ही 24 घंटे के अंदर किसी नवजात बच्चे के स्वास्थ्य का पता लगाना आसान हो गया.

इस के बाद 1972 वर्जीनिया ने शिशुओं से जुड़ी किताब 'इज माय बेबी ऑलराइट' नाम से एक किताब लिखने में एक अहनम भूमिका भी निभाई. इसके दो साल बाद 1974 में उनका निधन हो गया.

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