अपना पूरा जीवन कुष्ठरोगियों और जरूरतमंदों को समर्पित करने वाले बाबा आमटे की आज यानी 26 दिसंबर तो 104वीं जयंती है. इस खास मौके पर गूगल ने एक शानदार डूडल बनाकर बाबा आमटे को श्रद्धांजलि दी है. गूगल ने अपने डूडल में कुछ स्लाइड्स बनाई है और बाबा आमटे के योगदान को दर्शाया है. गूगल ने अपने डूडल में दर्शाया है कि कैसे बाबा आमटे जीवनभर जरूरतमंदों की मदद करते रहे.
कौन थे बाबा आमटे?
बाबा आमटे का पूरा नाम मुरलीधर देवीदास आमटे था, लेकिन लोग प्यार से उन्हें बाबा आमटे के नाम से पुकारते थे. उनका जन्म 26 दिसंबर, 1914 में महाराष्ट्र में हुआ था. बाबा आमटे का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था लेकिन उनका ध्यान हमेशा सामाजिक कामों में ही रहा. कुष्ठरोगियों के लिए उन्होंने कई आश्रम और समुदायों की स्थापना की. 35 साल की उम्र में उन्होंने कुष्ठरोगियों के लिए आनंदवन नाम की संस्था की स्थापना भी की थी. इसके अलावा उन्होंने कई आंदोलन भी चलाए, जैसे जीवन संरक्षण आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन. इसेक अलाव उन्होंने 1985 में कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत छोड़ो आंदोलन भी चलाया था.
बाबा आमटे को समाजिक क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा जरूरतमंदों की सेवा के लिए भी यूनाइटेड नेशंस अवार्ड मिल चुका है. 1999 में उन्हें गांधी पीस अवॉर्ड भी मिला था. जीवन भर लोगों की मदद करने के बाद 9 फरवरी 2008 को 94 साल की उम्र में आखिरी सांस लीं.
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