देश में इस वक्त राष्ट्रगान का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रगान ही देशभक्ति दिखाने का जरिया नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाहॉल में राष्ट्रगान बजाने के फैसले पर कहा कि अगर कोई सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के वक्त खड़ा नहीं होता, तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे अपने देश से प्यार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद भी देश में राष्ट्रगान की बहस खत्म नहीं हुई है. भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर अक्सर इन मुद्दों पर मुखर रहते हैं. अब उन्होंने फिर इस मुद्दे पर अपना स्टैंड सबके सामने रखा है. और इस एक ट्वीट ने फिर सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है.
गंभीर ने ट्वीट करके सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने का विरोध करने वालों पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'आप क्लब के बाहर 20 मिनट के लिए खड़े होकर इंतजार करते हैं. फेवरेट रेस्टोरेंट के बाहर 30 मिनट खड़े होकर इंतजार करते हैं. राष्ट्रगान के लिए 52 सेकेंड खड़ा होना है. बहुत मुश्किल है क्या?'
Standin n waitin outsid a club:20 mins.Standin n waitin outsid favourite restaurant 30 mins.Standin for national anthem: 52 secs. Tough?
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) October 27, 2017
इसके बाद लोगों ने अपना पक्ष रखना शुरू किया. कुछ लोग गंभीर की बात से सहमत थे तो कुछ के विचार उनसे अलग थे.
एक यूजर ने उन्हीं के अंदाज में जवाब देते हुए कहा, 'क्लब के सामने खड़े होने को आपसे किसी ने नहीं कहा, रेस्टोरेंट के बाहर खड़े होने को आपसे किसी ने नहीं कहा लेकिन राष्ट्रगान बजाना और खड़े होने का नियम थोपा जा रहा है.'
Standing outside the club: personal choice. Standing outside fav restaurant: personal choice. Standing for anthem : personal choice.
Tough?— Aadesh Chaudhary (@fightadeshfight) October 27, 2017
एक दूसरे यूजर ने लिखा कि मैं आपकी बात से सहमत हूं लेकिन देशभक्ति थोपी नहीं जानी चाहिए.
No one Compelled you to stand outside restaurant. No one Compelled you to stand outside a club. But National Anthem is being Imposed upon.
— Free World (@tarunkadian00) October 27, 2017
एक यूजर ने लिखा, 'मैं सहमत हूं कि लोगों को राष्ट्रगान पर खड़े होना चाहिए. लेकिन इसके लिए जबरदस्ती करना ठीक नहीं. मैं हमेशा राष्ट्रगान के वक्त खड़ी होउंगी लेकिन मैं किसी और को फोर्स नहीं कर सकती.'
I agree he/she should. But you can't force it. I know I will always stand for it. Because I want to. But I cannot force it on others. Simple
— Roache Material (@gunsandroches) October 27, 2017
गंभीर के समर्थन में आने वाले लोगों का कहना था कि क्या राष्ट्रगान के लिए खड़े होने का आदेश जबरदस्ती थोपा जा रहा है? क्या इसके लिए खड़े होने का आदेश आपको जबरदस्ती लग रही है?
एक यूजर ने लिखा, 'तो क्या आपसे जबरदस्ती की जा रही है? क्या आपके अंदर इसके लिए सम्मान की भावना नहीं आती है? आप अपनी सुविधा के लिए खड़े हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रगान के लिए 52 सेकेंड तक नहीं खड़े हो सकते?'
So you are forced? It doesn’t come out of respect? You can get up to do things according to your convince but not stand for 52 secs
— Team Gautam Gambhir (@GautamGambhir97) October 27, 2017
एक यूजर ने ट्वीट किया कि जिनकी राष्ट्रीयता कमजोर होगी, उन्हें सिनेमाहॉलों में खड़े होकर इसे दिखाने की जरूरत है. तो इसके जवाब में दूसरे यूजर ने लिखा, 'राष्ट्रीयता कभी कमजोर नहीं होती. आप यहां खड़े हैं क्योंकि आपकी सुरक्षा के लिए बॉर्डर पर कोई खड़ा है. राष्ट्रगान के लिए खड़े होना हमारी ड्यूटी है.'
Hey Mr nationalism is never fragile. You're standing here because someone is standing @ border protecting you.It's duty to attend for anthem
— sambit kumar rout (@rout_sambit) October 27, 2017
तर्क चाहे जितने भी हो, राष्ट्रगान का मसला अभी तो थमता नहीं दिखाई देता.
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