उत्तर प्रदेश को 2017 के चुनावों के बाद एक अलग ही मुख्यमंत्री मिला. सीएम बनने से पहले योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से 5 बार सांसद रह चुके थे और अपने तथाकथित सांप्रदायिक बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहते थे. जबकि यूपी चुनावों के दौरान बीजेपी ने विकास के मुद्दे को फोकस करते हुए चुनाव लड़ा था लेकिन एक पुजारी से राजनीतिज्ञ बने योगी आदित्यनाथ को सीएम बना बीजेपी ने हिंदुत्व के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया था.
योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेने के बाद यह वादा किया था कि वो सबके लिए विकास करेंगे. उन्होंने कहा था कि 'मेरी सरकार सभी के लिए है न कि किसी खास समुदाय या जाति के लिए. हम समाज के सभी हिस्सों, जातियों और पंथों के विकास के लिए काम करेंगे और विकास का एक नया ढांचा खड़ा करेंगे. हम उत्तर प्रदेश को प्रधानमंत्री के विकास के मॉडल का आदर्श बनाएंगे.' उन्होंने यह भी कहा था कि 'मैं उत्तर प्रदेश को अराजकता, भ्रष्टाचार, गन कल्चर और गुंडों से मुक्त करुंगा और इसके गौरव को फिर से स्थापित करुंगा.'
योगी आदित्यनाथ की नियुक्ति के बाद ही मीडिया में उनके दैनिक क्रियाकलाप की पल-पल की रिपोर्टिंग होने लगी, जैसे वो कब उठते हैं, खाते हैं और इस तरह के अन्य काम. इसके साथ-साथ राज्य में गैर-कानूनी बूचड़खानों (और कई बार कानूनी) को बंद करवाने और एंडी रोमियो स्क्वॉड की कार्रवाईयों- जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना था और जिसपर कई बार प्रेमी जोड़ों को परेशान करने का आरोप लगा- की खबरें भी मीडिया में छाई रहीं.
गोरखपुर जो खुद योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र रह चुका है, वहां के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 61 बच्चों की मौत की वजह से योगी आदित्यनाथ को पहली बार पूरे देश में आलोचना झेलनी पड़ी. राज्य सरकार ने 3200 करोड़ रुपए के किसानों के लिए की गई कर्जमाफी की घोषणा को लागू करने में भी उदासीनता दिखाई और कई किसानों को 19 पैसे से लेकर कुछ रुपए तक की राशि दी गई, जिसका काफी मजाक बना.
खबर लहरिया कर रहा है सरकार के कामकाज की समीक्षा
राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर भी यूपी सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, कई लोग आदित्यनाथ के शासन को 'इनकाउंटर राज' भी कह रहे हैं. बेरोजगारी का मुद्दा यूपी में एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है.
यही नहीं योगी आदित्यनाथ की सरकार के एक साल पूरे होने से पहले ही बीजेपी योगी के क्षेत्र गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में तीन दशक के बाद हार गई. खबर लहरिया जो महिलाओं का स्वतंत्र मीडिया प्लेटफॉर्म है और उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाएं ही इसमें पत्रकार हैं वो योगी आदित्यनाथ की सरकार के एक साल पूरे होने पर इस सरकार के कामकाज पर वीडियो रिपोर्ट बना रही है. इस रिपोर्ट में योगी सरकार के तीन बड़ी योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है- किसान कर्जमाफी, एंडी रोमियो स्क्वॉड और गौरक्षा.
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