कांग्रेस रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में खुलकर मैदान में उतर आयी है. रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होते ही कांग्रेस के नेताओं की तरफ से बयान आने शुरू हो गये हैं. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की तरफ से लंबा चौड़ा बयान जारी किया गया है. इसमें कांग्रेस ने विक्टिम कार्ड खेला है. कांग्रेस की तरफ से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए बदले की भावना से काम कर रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार हर फ्रंट पर फेल हुई है. सरकार वाड्रा की आड़ में बचने की कोशिश कर रही है.
इस पूरे मामले की टाइमिंग पर सवाल जरूर खड़ा हो रहा है. खट्टर सरकार इस पर अभी तक सो रही थी. जिस व्यक्ति के आरोप पर ये केस दर्ज किया गया है, उसका क्या लेना देना है? ये सब प्रश्न सबके सामने है. लेकिन कांग्रेस की जब बीजेपी के खिलाफ मुहिम धार पकड़ रही थी. इस मामले का आना पार्टी के लिए सेटबैक है.
राजनीतिक साख का सवाल
कांग्रेस बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. कई मौकों पर लग रहा था कि कांग्रेस सरकार को घेरने में कामयाब हो गयी है. लेकिन कांग्रेस का वाड्रा का बचाव करना राजनीतिक तौर पर नुकसानदेह साबित हो सकता है. बीजेपी के खिलाफ अभियान को धक्का लगेगा. पार्टी पूरी तरह बैकफुट पर नजर आ रही है. कांग्रेस राफेल समेत नोटबंदी के मसले पर सरकार को लाजवाब कर रही थी.लेकिन वाड्रा के मामले में ठीक उल्टा हो गया है.
रॉबर्ट वाड्रा के मामले में बीजेपी का दांव काम आ गया है. अब कांग्रेस को सफाई देना पड़ रहा है. कांग्रेस इसमें अगर पर्दे के पीछे रहती तो बीजेपी के इस दांव का माकूल जवाब दे सकती थी. इससे पार्टी करप्शन के आरोप से खुद को बचा सकती थी. पार्टी ये कह कर अपना दामन झाड़ सकती थी कि जांच में साफ हो जाएगा कि वाड्रा ने गलत नहीं किया है. इससे कांग्रेस, बीजेपी के खिलाफ नैतिक आधार पर भारी पड़ती प्रतीत होती. लेकिन कांग्रेस ने मौका गंवा दिया है.
रॉबर्ट वाड्रा क्या पंचिग बैग बन गए ?
2014 के चुनाव में रॉबर्ट वाड्रा के कथित जमीन घोटाले को बीजेपी ने बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाया. बाद में हरियाणा के विधान सभा चुनाव में भी इसे बड़े स्कैम की तरह पेश किया गया. बीजेपी के बड़ी कामयाबी मिली, हरियाणा में पहली बार बीजेपी की सरकार बन गयी. इससे पहले राजस्थान के चुनाव में इस तरह के आरोप लगाए गए थे. लेकिन वाड्रा पर कोई आरोप साबित नहीं हो पाए है.
हरियाणा सरकार ने जस्टिस एस एन ढींगरा की अगुवाई में जांच भी करवाई है. लेकिन इस आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में मामला चल रहा है. जिसके बाद बीजेपी सरकार ने व्यक्तिगत आरोप पर केस दर्ज किया है. जिससे लग रहा है कि बीजेपी का मकसद राजनीतिक है. सरकार बने चार साल से ज्यादा हो गए हैं. वाड्रा के खिलाफ मामला अब उछाला गया है. जिस आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की रिपोर्ट बीजेपी सिर पर उठाकर घूम रही थी उनका बीजेपी ने सरकार में आने के बाद कई बार तबादला किया और दुखी मन से अशोक खेमका रिटायर भी हो गए हैं.
तीन राज्यों के चुनाव में मुद्दा
अगले महीने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव है. जिसमें बीजेपी के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं नजर आ रहा है. राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा है. तो बाकी दोनों राज्यों में बीजेपी की पंद्रह साल से सरकार है. कई एजेंसियों के सर्वे में बीजेपी की हार का अंदेशा जाहिर किया गया है. लेकिन रॉबर्ट वाड्रा का मामला बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो सकता है. इस मुद्दे को भुनाने में बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. बीजेपी इस मुद्दे को आम चुनाव तक ले जा जाएगी.
कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली को घेरने की तरकीब
बीजेपी के इस कार्रवाई का मकसद बड़ा है. कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली को घेरने की तरकीब है. कांग्रेस की जो रणनीति प्रधानमंत्री के लिए अपनायी गई है. उस तरह की ये रणनीति है. नेशनल हेराल्ड के मामले में कांग्रेस के कई नेताओं पर केस चल रहा है. अब ये नया मामला बीजेपी के तरकश में नया तीर है.
कांग्रेस की मजबूरी
रॉबर्ट वाड्रा का बचाव करना कांग्रेस की मजबूरी है. क्योंकि आरोप सिर्फ वाड्रा पर नहीं है. बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए गए है. कांग्रेस ये जताना चाहती है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ पार्टी की मुहिम से नाराज बीजेपी ने ऐसा काम अंजाम दिया है. इसका राजनीतिक तौर पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. इस वजह से कांग्रेस वाड्रा के बचाव में खुल कर सामने आयी है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि बीजेपी के डर्टी ट्रिक डिपार्टमेंट और फेक न्यूज फैक्ट्री ने अटेंशन डायवर्ट करने के लिए ये प्रोपेंगंडा शुरू किया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ये राजनीतिक द्वेष की वजह से उठाया गया कदम है.
कांग्रेस की सफाई
रॉबर्ट वाड्रा के मामले में कांग्रेस ने बिंदुवार सफाई दी है. कांग्रेस ने बताया है कि रॉबर्टवाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 28 जनवरी 2008 को 3.5 एकड़ जमीन सेखोपुर गुरूग्राम में 7.95 करोड़ में खरीदी, जिसमें 2.5 एकड़ का लैंड यूज़ बदलवाने के लिए कंपनी ने दिसंबर 2008 में सरकार को 8.11 करोड़ रुपये दिए थे. पांच साल बाद ये जमीन डीएलएफ को 2012 में 58 करोड़ रुपये में बेची गयी थी. जिस पर कंपनी ने तकरीबन 8 करोड़ रुपये टैक्स अदा किया था. कांग्रेस का कहना है कि ये जमीन वाड्रा की कंपनी को 24 करोड़ में पड़ी थी. इसके कागजात अभी तक वैध है. कोई गैरकानूनी काम नहीं किया गया है. राज्य सरकार अभी तक कोई त्रुटि नहीं ढूंढ पायी है.
खट्टर पर पलटवार
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मौजूदा बीजेपी सरकार भी इस तरह के लाइसेंस जारी कर रही है. बीजेपी के सहयोग से चली पूर्ववर्ती सरकारों और मौजूदा सरकार ने तकरीबन 11000 एकड़ जमीन का लैंड यूज चेंज अकेले गुरुग्राम में किया है. ऐसे में हरियाणा के सीएम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए .
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.