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कर्नाटक में किसकी होगी अगली सरकार?, रणनीति बनाने में जुटे कांग्रेस-JDS और BJP

सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस-JDS और बीजेपी आज अपने-अपने विधायकों के साथ बेंगलुरु में बैठकें कर रहे हैं

Updated On: May 16, 2018 09:52 AM IST

FP Staff

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कर्नाटक में किसकी होगी अगली सरकार?, रणनीति बनाने में जुटे कांग्रेस-JDS और BJP

कर्नाटक का सियासी नाटक गहरा गया है. मंगलवार को विधानसभा चुनाव के त्रिशंकु नतीजे आने के बाद दोनों ही गुट, कांग्रेस-जेडीएस और बीजेपी सरकार बनाने की जद्दोजहद में जुट गए हैं.

कांग्रेस ने आज यानी बुधवार को अपने विजयी 78 विधायकों की एक बैठक बुलाई है. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी (केपीसीसी) के कार्यालय में होने वाली इस बैठक में सिद्धारमैया और कांग्रेस का केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा.

वहीं बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा की अगुवाई में 11 बजे पार्टी विधायक दल की बैठक होगी. इस बैठक में येदियुरप्पा को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. बेंगलुरु में होने वाली इस बैठक में सभी 104 विधायकों के मौजूद रहने की संभावना है. बैठक में विशेष तौर पर दिल्ली से भेजे गए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जे पी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल होंगे.

हालांकि इन सबके बीच अब यह राज्यपाल पर है कि वो राज्य में सरकार बनाने के लिए किस गुट को पहले आमंत्रित करते हैं. राज्यपाल वजूभाई बाला के पास अभी दो विकल्प हैं, पहला यह कि वो नतीजों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को पहले बुलाएं और बहुमत साबित करने के लिए कहें. दूसरा यह कि वो कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए न्यौता दें, जो 112 का मैजिक फिगर होने का दावा कर रहे हैं.

संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अनुसार यह पूरी तरह राज्यपाल पर निर्भर है कि वो पहले सरकार बनाने के लिए पहले किसे बुलाते हैं, सबसे बड़ी पार्टी को, या फिर गठबंधन को.

इस बीच जीतने वाले कांग्रेस विधायकों के टूटने और उन्हें 'ऑफर' मिलने की भी खबरें आ रहीं हैं. हालांकि कांग्रेस के विधायक कह रहे हैं कि वो किसी भी हालत में पाला नहीं बदलेंगे.

कर्नाटक ने कहा कि विजयी विधायकों को टूट-फूट से बचाने के लिए पार्टी उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार कर रही है. जेडीएस भी अपने विधायकों को बचाने के लिए सुरक्षित जगह ले जाने की बात कह रही है.

चुनाव के नतीजों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन वो भी बहुमत के आंकड़े से 8 कदम दूर रह गई. सत्ताधारी कांग्रेस 78 सीटें ही जीत सकी वहीं जनता दल सेकुलर (जेडी-एस) के खाते में 38 सीटें आईं.

नतीजे आने के बाद सोनिया गांधी ने एच डी देवेगौड़ा से फोन पर ताजा बनते राजनीतिक हालात पर चर्चा की. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के घर जाकर आनन-फानन में जेडी-एस को बिना शर्त अपना समर्थन दे दिया. डील के मुताबिक कांग्रेस-जेडीएस की बनने वाली सरकार में कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बनेंगे.

शाम 4 बजे जेडीएस-कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल वजूभाई बाला से मुलाकात की और उन्हें विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा. दूसरी ओर येदियुरप्पा ने भी सरकार बनाने का दावा किया. उन्होंने राज्यपाल से विधायकों के जरूरी समर्थन के लिए दो दिन की मोहलत देने को कहा.

बात करें दिग्गजों की तो मुख्यमंत्री सिद्धरमैया बादामी सीट पर चुनाव जीत गए लेकिन अपनी परंपरागत सीट चामुंडेश्वरी पर उन्हें बड़े अंतर से हार नसीब हुई. बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी एस येदियुरप्पा ने शिकारीपुरा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा. वहीं जेडीएस के अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी अपनी दोनों सीटों रामनगर और चन्नपटना पर चुनाव जीत गए.

इसके अलावा नतीजों में सिद्धरमैया सरकार के आधे मंत्री अपनी सीटों पर चुनाव हार गए.

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