केंद्र सरकार ने 1987 बैच के आईएएस अधिकारी विजय कुमार देव को दिल्ली सरकार का नए मुख्य सचिव नियुक्त किया है. विजय कुमार देव एजीएमयूटी कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेश) के अधिकारी हैं. विजय देव मुख्य सचिव बनने से पहले दिल्ली सरकार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे.
बता दें कि विजय कुमार देव केंद्रीय डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) पर गए अंशु प्रकाश की जगह लेंगे, जिन्हें टेलिकॉम विभाग का अतिरिक्त सचिव बनाया गया है.
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और केजरीवाल सरकार के बीच छत्तीस का आंकड़ा पुरानी बात हो गई है. लेकिन, विजय कुमार देव को लेकर भी पिछले दिनों आम आदमी पार्टी (आप) और अफसरशाही में टकराहट देखने को मिली थी. कुछ लोगों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रहते विजय कुमार देव से रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं. पिछले दिनों ही वोटर लिस्ट में नाम छंटनी को लेकर आप ने विजय देव पर निशाना साधा था.
चंडीगढ़ ही नहीं, चंडीगढ़ से बाहर भी हो चुकी है तारीफ
विजय कुमार देव दिल्ली के अंदर कई विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. दिल्ली परिवहन निगम के चेयरमैन, दिल्ली के मंडलायुक्त के साथ-साथ वह चंडीगढ़ के प्रशासनिक अधिकारी के सलाहकार की भूमिका भी निभा चुके हैं, जिसकी तारीफ चंडीगढ़ में ही नहीं चंडीगढ़ से बाहर भी हो चुकी है.
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पिछले तीन दिनों से दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के केंद्र में तबादले के बाद नए मुख्य सचिव को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. पहले इस पद के लिए दिल्ली सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा का नाम सामने आया था, लेकिन गुरुवार शाम को गृह मंत्रालय ने विजय कुमार देव को नियुक्त करने का आदेश जारी कर सभी कयासों पर विराम लगा दिया.
विजय कुमार देव हाल ही में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने दिल्ली के वोटर्स में से कुछ फर्जी वोटर्स का नाम लिस्ट से हटा दिया था. इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी और खुद सीएम अरविंद केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) से मिलकर शिकायत की थी. दिल्ली में वोटर्स लिस्ट का सारा काम मुख्य चुनाव अधिकारी ही देखते हैं.
इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पूर्व प्रमुख सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित तौर पर मारपीट की घटना हुई थी, जिसके बाद से आईएएस अफसरों ने दिल्ली सरकार के कामकाज का कुछ दिनों तक बहिष्कार किया था. दिल्ली सरकार के कैबिनेट मीटिंग में भी कोई अधिकारी शामिल नहीं होते थे. काफी महीने बाद एलजी हाउस में अरविंद केजरीवाल और सहयोगियों के धरना देने के बाद दोनों के रिश्ते सामान्य हुए थे.
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दिल्ली के सीएम आवास पर कथित थप्पड़कांड में सीएम केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई विधायक आरोपी हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से लंबी पूछताछ भी की थी.
काफी सुलझे हुए और तेजतर्रार अधिकारी हैं
बीते कुछ सालों में इन घटनाक्रमों के बाद केंद्र सरकार ने एक ऐसे अधिकारी की नियुक्ति की है, जिसकी छवि पहले से ही लोगों के बीच काम करने की रही है. विजय कुमार देव की नियुक्ति पर नजदीक से जानने वाले कुछ लोगों का मानना है कि विजय देव काफी सुलझे हुए और तेज-तर्रार अधिकारी हैं. चंडीगढ़ में प्रशासक के सलाहकार के तौर पर वो काफी लोकप्रिय थे. चंडीगढ़ में वो आम नागरिकों से बड़ी आसानी से मिलते थे. सोशल साइट्स पर भी वो एक्टिव रहते हैं.
चंडीगढ़ में काफी वर्षों से वकालत करने वाले अजय जग्गा फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘विजय कुमार देव का चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के तौर पर कार्यकाल दिसंबर 2014 से मार्च 2016 तक रहा. मुझे लगता है कि उनका काम करने का जो तरीका और जो आक्रामकता थी, उसी वजह से उनका यहां से टर्म पूरे होने से पहले ही ट्रांसफर कर दिया गया.’
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चंडीगढ़ में काफी सालों से पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडे फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, 'विजय कुमार देव में चंडीगढ़ से तबादले के बाद अफवाह गर्म हो गई थी कि एक राजनीतिक पार्टी के कद्दावर नेता ने अपनी पहुंच का फायदा उठाकर उनका ट्रांसफर करा दिया. उस राजनीतिक दल के नेता को लगने लगा था कि कहीं देव चंडीगढ़ को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि नहीं बना ले.’
कुल मिलाकर आप सरकार को एक ऐसे अधिकारी का सामना करना पड़ेगा, जिसकी छवि आक्रामक अधिकारी की रही है.
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