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उत्तराखंड: ये चेहरे हो सकते हैं राज्य की 5 लोकसभा सीटों के दावेदार

2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में पांचों सीट बीजेपी के हिस्से आई थीं लेकिन अगले लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट के चुनाव को लेकर पसोपेश की स्थिति बनी हुई है

Updated On: Feb 13, 2019 07:25 AM IST

Namita Singh

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उत्तराखंड: ये चेहरे हो सकते हैं राज्य की 5 लोकसभा सीटों के दावेदार

अगले लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में बीजेपी नए नेताओं को मौका देगी या पार्टी अपने पुराने आजमाए हुए नेताओं पर दांव खेलेगी? चुनाव से पहले बीजेपी के खेमे में ये बड़ा प्रश्न है. कांग्रेस से बीजेपी में आए नेता, जो आज भी अपने लिए सही जगह तलाश रहें हैं, क्या पार्टी उन्हें इस चुनाव में तवज्जो देगी? लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का केंद्र के बड़े नेताओं से सीधा संबंध प्रत्याशियों के चयन में क्या गुल खिलाता है, देखने वाली बात होगी. केवल 5 सीटों वाले इस राज्य में प्रत्याशियों के चयन में बड़ी कशमकश आने वाली है.

टिहरी और पौड़ी को लेकर बीजेपी में है पशोपेश की स्थिति

2019 लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड की बीजेपी में सीटों को लेकर इंटरनल प्रेशर बनना शुरू हो गया है. प्रदेश में 5 लोकसभा सीट हैं- टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा और हरिद्वार. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में पांचों सीट बीजेपी के हिस्से आई थी. तीन सीट बीजेपी के हैवीवेट नेताओं के पास है, जो प्रदेश के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. मगर अगले लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट के चुनाव को लेकर पसोपेश की स्थिति बनी हुई है. खासकर टिहरी, पौड़ी और नैनीताल की सीट को लेकर.

पौड़ी लोकसभा सीट जो इस समय प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके भुवन चंद्र खंडूरी के पास है, अगले लोकसभा चुनाव न लड़ने को लेकर कई बार अपनी इच्छा जता चुके हैं. अपनी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों को लेकर भी वे अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते. उनका कहना है कि राजनीति में नए चेहरों को जगह देने के लिए पुराने चेहरों को रिटायर होना चाहिए.

खंडूरी के चुनाव न लड़ने की स्थिति में, यमकेश्वर विधानसभा से विधायक, उनकी बेट ऋतु खंडूरी को चुनाव में उतारा जा सकता है. पौड़ी गढ़वाल में खंडूरी की साफ और ईमानदार छवि के साथ-साथ उनकी लोकसभा क्षेत्र में पकड़ के चलते, बीजेपी के लिए ऋतु खंडूरी ही उनकी विरासत संभाल सकती हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जो मूल रूप से पौड़ी जिले से आते हैं, उनके बेट शौर्य डोभाल के भी पौड़ी गढ़वाल से चुनाव लड़ने की चर्चा है.

उत्तराखंड की राजनीति में सतपाल महाराज निभाएंगे खास रोल

कांग्रेस से बीजेपी में आए, प्रदेश के पर्यटन मंत्री और कद्दावर नेता सतपाल महाराज, जिनके बारे में कहा जाता है कि अभी भी उन्हें पार्टी वह स्थान नहीं दे पाई है जो उन्हें मिलना चाहिए. सतपाल महाराज 2009 और 2014 में कांग्रेस एमपी के तौर पर पौड़ी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और लोकसभा क्षेत्र में एक धार्मिक गुरु और नेता के तौर पर उनकी खासी पकड़ है. उनकी पत्नी अमृता रावत, उन नौ कांग्रेस विधायकों में से एक थीं, जिन्होंने हरीश रावत सरकार के खिलाफ जा कर वर्तमान कांग्रेस सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया था.

सतपाल महाराज

सतपाल महाराज

पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में सतपाल महाराज और अमृता रावत जिन्हें स्थानीय लोग अमृता माताजी के नाम से बुलाते हैं, कि मजबूत पकड़ से इनकार नहीं किया जा सकता. 2002 में, राज्य के पहले विधानसभा चुनाव से लेकर राजनीति में सक्रिय और कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री का पद संभाल चुकी अमृता एक जानी मानी नेता हैं. इसलिए पौड़ी लोकसभा में अमृता की दावेदारी महत्वपूर्ण है. बीजेपी में चर्चा है कि अमृता के नाम पर विचार किया जा सकता है.

टिहरी लोकसभा से कैंडिडेट के तौर पर माला राज्य लक्ष्मी शाह का नाम भी सामने आ रहा है. ये प्रदेश की पहली महिला लोकसभा सांसद हैं. ये पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को हराकर 2012 से सांसद हैं. लेकिन कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विजय बहुगुणा, जो पहले भी टिहरी लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और अभी भी सरकार में सही भूमिका की प्रतीक्षा कर रहे हैं, एक मजबूत दावेदारी पेश कर सकते हैं. मसूरी से विधायक गणेश जोशी भी टिहरी लोकसभा से चुनाव लड़ने की मंशा जता चुके हैं.

केंद्र की नीतियों से राज्य में वोट बटोरेगी बीजेपी

नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी की अधिक उम्र भी उनकी उम्मीदवारी में रोड़ा अटका सकती है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पिछले विधानसभा चुनाव तक नेता प्रतिपक्ष रहे अजय भट्ट, जिन्हें विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, वे भी कोशियारी के चुनाव न लड़ने पर उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं.

चुनाव से पूर्व, बीजेपी ने युवाओं और किसानों को लुभाने के लिए चुनाव पूर्व अभियान छेड़ा है. केंद्र से लागू की गई नीतियों और कार्यक्रमों को मतदाताओं तक पहुंचाने और उनका फीड बैक जानने के लिए पार्टी घर-घर तक प्रचार करने के मूड में है. बूथ लेवल कार्यकर्ताओं से फीड बैक लेने और उन्हें उत्साहित करने के लिए पार्टी के बड़े नेता लोकसभावार त्रिशक्ति सम्मलेन भी आयोजित करने वाले हैं. हरिद्वार और टिहरी लोकसभा के त्रिशक्ति सम्मलेन में अमित शाह की मौजूदगी पार्टी के लोकसभा चुनाव के प्रति गंभीरता को दिखाती है. आगामी 14 फरवरी को प्रधान मंत्री मोदी का कार्यक्रम रुद्रपुर में आयोजित है.

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