इस बयान में बताया गया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा चुनाव के सिलसिले में पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी. मायावती ने ऐलान किया कि राज्यसभा के लिए पार्टी के उम्मीदवार आंबेडकर होंगे.
बताया जा रहा है कि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के आग्रह के बावजूद बीएसपी सुप्रीमो ने राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनने का फैसला किया. इसकी जगह उन्होंने दलित समुदाय से आने वाले एक समर्पित कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.आंबेडकर इटावा की लखना सीट से बीएसपी के विधायक रह चुके हैं.
भाई आनंद कुमार को राज्यसभा भेजने की मीडिया खबरों पर मायावती ने कहा कि आंबेडकर की उम्मीदवारी साबित करेगी कि उनकी पार्टी में वंशवाद और परिवारवाद की कोई जगह नहीं है.
कौन हैं भीमराव आंबेडकर
भीमराव आंबेडकर मूल रूप से इटावा के रहने वाले है. वह दलित समाज से आते है. वह ईटावा की लखना सीट से विधायक भी रह चुके है जिन्होंने 2007 में इस सीट से विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी.
उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर 23 मार्च को राज्यसभा चुनाव होने हैं. एक सीट पर जीत के लिए 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत है लेकिन इस वक्त बीएसपी के पास कुल 19 विधायक ही हैं. ऐसे में बीएसपी, एसपी के समर्थन के जरिए एक सीट पर जीत हासिल करने की कोशिशों में लगी है. एसपी के पास इस वक्त 47 विधायक हैं. यही कारण है एसपी इस चुनाव में बीएसपी को समर्थन दे रही है.
(एजेंसियों से इनपुट)
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उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए बीएसपी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. इस बार बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने खुद चुनाव में न उतरने का फैसला करते हुए पार्टी के पूर्व विधायक भीमराव आंबेडकर को राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर चुना है. बीएसपी ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए इस बात की घोषणा की.