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Upper caste reservation गंजों के शहर में कंघा बेचने जैसा: अल्का लांबा

10 फीसदी आरक्षण मामले में सरकार पर चुटकी लेते हुए लांबा ने ट्विटर पर लिखा - 'नौकरी है नहीं, आरक्षण दे रहे हैं, गंजों के शहर में, कंघा बेच रहे हैं'

Updated On: Jan 10, 2019 07:42 PM IST

FP Staff

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Upper caste reservation गंजों के शहर में कंघा बेचने जैसा: अल्का लांबा

आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबा ने केंद्र सरकार के 10 फीसदी Upper caste reservation के फैसले पर चुटकी ली है. सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण मामले में सरकार पर चुटकी लेते हुए लांबा ने ट्विटर पर लिखा - 'नौकरी है नहीं, आरक्षण दे रहे हैं, गंजों के शहर में, कंघा बेच रहे हैं'.

10 फीसद Upper Caste Reservation पर संसद की मुहर लग गई. लोकसभा से पारित होने के बाद बुधवार को राज्यसभा ने भी सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण संबंधी 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर दिया. इस तरह यह ऐतिहासिक विधेयक सिर्फ दो दिनों में दोनों सदनों से पारित हो गया. हालांकि इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली है. गैर सरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वेलिटी और कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि एकमात्र आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता.

याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती.

आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का यह प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गो को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण से अलग है.

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