चुनाव का मौसम है तो बस बहार ही बहार नजर आ रही है. बहार है उन लोगों के लिए जिनको पार्टी का टिकट मिल गया है. कई दिनों तक लखनऊ से लेकर दिल्ली तक केंद्रीय नेताओं के द्वारे-द्वारे हाजिरी लगाते फिरते रहे. लेकिन, जब टिकट मिल गया तो उनके लिए मानो बहार ही आ गई.
लेकिन, बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा बहार उन बयान बहादुरों के लिए है जो पिछले कुछ दिनों से चुप नजर आ रहे थे. इन बयान बहादुरों को चुनावी मौसम में एक नई ताकत मिल गई है. चुनाव आते ही न जाने इनमें नई ऊर्जा का संचार कहां से हो जाता है.
लेकिन, बीजेपी के इन नेताओं के बड़बोलेपन से कभी-कभी पार्टी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है.
अब ताजा बयान आया है बीजेपी नेता विनय कटियार का. विनय कटियार ने कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाडरा के बारे में ऐसा बयान दे डाला जिससे खुद बीजेपी भी सकते में आ गई.
कटियार ने कहा कि प्रियंका गांधी की खूबसूरती को लेकर चर्चा करना और उससे वोट हासिल करने की कोशिश करना अच्छी बात नहीं है. हमारी पार्टी में भी खूबसूरत महिलाओं की कमी नहीं है.
उनके बयान पर बवाल भी मचा और कांग्रेस को बीजेपी पर पलटवार का मौका भी मिल गया. जवाब प्रियंका गांधी की तरफ से भी आया जिसमें बीजेपी की महिलाओं के प्रति मानसिकता पर सवाल खड़े किए गए.
बीजेपी को भी अपने होनेवाले नुकसान का अंदाजा मिला तो पार्टी ने कटियार के बयान से दूरी बना ली. लेकिन, तबतक प्रियंका गांधी को लोगों की सहानुभूति और हमदर्दी मिल चुकी थी.
विनय कटियार पहले से भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं. मंदिर आंदोलन के वक्त से ही विनय कटियार की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता की रही है. राम मंदिर को लेकर उनका बयान हमेशा माहौल को गरमाने वाला होता है.
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कुछ महीने पहले ही जब केंद्र सरकार की तरफ से पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने अयोध्या में रामायण म्युजियम बनाने की बात की थी तो कटियार ने इसे लॉलीपॉप बताकर अपनी ही पार्टी और सरकार की खूब फजीहत कराई थी.
अब एक बार फिर से कटियार का बयान बीजेपी के लिए मुश्किलों वाला हो रहा है.
लेकिन, विनय कटियार का दर्द काफी पुराना है. सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव हारने वाले कटियार हमेशा से सोनिया गांधी के विदेशी मूल को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं. लेकिन, हर दफा फजीहत बीजेपी की ही हुई है.
विनय कटियार के अलावा भी बीजेपी के कई नेताओं ने लगातार सोनिया गांधी पर निशाना साधा, उनके विदेशी मूल के मुद्दे को भी चुनाव में खूब प्रचारित किया था. लेकिन, बीजेपी को यह दांव उल्टा पड़ गया था. कांग्रेस की अगुआई में यूपीए की सरकार बनी और सोनिया गांधी यूपीए अध्यक्ष बन कर अपने आलोचकों का मुंह बंद करने में सफल हुईं.
लेकिन, लगता है इतिहास से बीजेपी नेताओं ने सबक नहीं लिया है. एक बार फिर से बीजेपी नेता वही गलती दोहराते दिख रहे हैं जिसकी सजा एक बार भुगत चुके हैं.
प्रियंका को आधा विदेशी कहना इन्हें भारी पड़ सकता है.
बीजेपी में और भी हैं कई कटियार
लेकिन, बीजेपी के भीतर केवल एक ही कटियार नहीं हैं. पार्टी के भीतर और भी कई कटियार हैं जो अपने वाणों के तीर से चुनावी माहौल को खराब करने में भी माहिर हैं , भले ही पार्टी को इसका नुकसान ही क्यों न हो जाए.
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज की भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ की गई बयानबाजी अब सवालों के घेरे में है. साक्षी महाराज पहले भी इस कदर बयान देते रहे हैं जिससे संसद के भीतर भी और बाहर भी पार्टी को जवाब देना मुश्किल हो जाता है.
बीजेपी के बयान बहादुर साक्षी महाराज भी पार्टी को मुसीबत में डालने में माहिर हैं.बीजेपी की तरफ से अभी योगी आदित्यनाथ जैसे कई बड़बोले नेताओं का मैदान में उतरना बाकी ही है.
ऐसी सूरत में मोदी के चेहरे और विकास के मुद्दे को आगे कर चुनाव मैदान में उतरने की बीजेपी की कोशिशों को झटका लग सकता है.
बीजेपी ने अपने नेताओं को नसीहत न दी तो पार्टी को इनके सेल्फ गोल का सामना करना पड़ सकता है.
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