यूपी चुनाव में अब तक स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रहे बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी और वरुण गांधी को तीसरे और चौथे चरण के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है.
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए गुरुवार को तीसरे और चौथे चरणों के स्टार प्रचारकों का ऐलान कर दिया. इस लिस्ट में मुरली मनोहर जोशी, वरुण गांधी, विनय कटियार, राजू श्रीवास्तव समेत 40 वरिष्ठ नेताओं का नाम है.
Varun Gandhi & Murli Manohar Joshi feature on the list of BJP's campaigners for 3rd and 4th phase of elections #UPpolls pic.twitter.com/Bzp6ZVlGmw
— ANI UP (@ANINewsUP) February 2, 2017
इस लिस्ट में भोजपुरी सुपरस्टार और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है.
21 जनवरी को जारी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत 40 वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल किया गया था. जो पहले चरण और दूसरे चरण के चुनावों के लिए पार्टी के लिए प्रचार की कमान संभालेंगे.
लेकिन इस लिस्ट में बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी और वरुण गांधी का नाम शामिल नहीं था.
यूपी चुनाव की घोषणा होने से पहले इस तरह की अफवाहों का बाजार गर्म था कि वरुण गांधी को बीजेपी यूपी में अपना चेहरा बना सकती है. ऐसे में वरुण गांधी का नाम पहले और दूसरे चरण की लिस्ट में नहीं होना चौंकाने वाला था.
वहीं बीजेपी के बुजुर्ग नेता मुरली मनोहर जोशी का नाम भी प्रचारकों की लिस्ट में शामिल नहीं करने पर कई सवाल उठ रहे थे. भले ही रणनीतिज्ञों की नजर में मुरली मनोहर जोशी अब बहुत अधिक वोटरों को खींच नहीं सकते हों, लेकिन बनारस और इलाहाबाद के इलाकों में उनके प्रभाव को कम नहीं आंका जा सकता है.
तीसरे चरण में कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी वहीं चौथे चरण इलाहाबाद, कौशांबी, राय बरेली में चुनाव होने हैं. ऐसे में मुरली मनोहर जोशी और वरुण गांधी के प्रभाव वाले इलाकों में बीजेपी इनके प्रचार का फायदा उठाने की कोशिश करेगी.
ब्राह्मण और युवा वोटरों को खींचने की कोशिश
मुरली मनोहर जोशी की वजह से न सिर्फ एक मार्गदर्शक चेहरा इनके प्रचार का हिस्सा होगा बल्कि ब्राम्हण वोटों के लिये भी बीजेपी के पास बड़ा चेहरा होगा.
एसपी-कांग्रेस के गठबंधन के बाद एक संभावना यह भी है कि ब्राह्मण वोट बीजेपी के पास से खिसक सकते हैं. इसकी मुख्य वजह यह है कि ब्राह्मण मतदाताओं का एक वर्ग कांग्रेस का परम्परागत वोटर रहा है.
इस लिहाज से यह महज संयोग नहीं कहा जा सकता कि बीजेपी जब घोषणा-पत्र जारी कर रही थी उस वक्त कलराज मिश्र अमित शाह के बगल में बैठे थे.
जबकि अखिलेश और राहुल गांधी की काट के लिए वरुण गांधी को युवाओं के सामने 'यूथ फेस' की तरह रखना चाहती है.
यूपी में युवाओं के बीच वरुण गांधी की लोकप्रियता काफी मानी जाती रही है.
इस बीच उन्होंने देश के कई हिस्सों में कई कॉलेजों और स्कूलों में प्रोग्राम किए हैं. इसमें युवाओं की अच्छी भीड़ जमा हुई थी. उनके फेसबुक और ट्विटर पर युवाओं के कार्यक्रमों में शामिल होने की उनकी कई तस्वीरें इसकी गवाह हैं.
वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर में गरीबों के लिए आवास वितरण और किसानों के कर्ज को माफ करके लोगों के बीच भी लोकप्रियता हासिल की है.
वैसे पहले और दूसरे चरण की लिस्ट में वरुण गांधी की मां और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का नाम शामिल था. इस लिस्ट में मेनका गांधी का नाम नहीं है.
शायद इसकी मुख्य वजह यह है कि मेनका के संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में दूसरे चरण में चुनाव होना है. इसके बाद युवा वरुण गांधी के मुकाबले यूपी चुनाव में उनका कोई खास महत्व नहीं है.
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