उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की बुरी शिकस्त का ठीकरा एक बार फिर ईवीएम पर फोड़ा जा रहा है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर हार के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया है.
अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा है, 'जिन जगहों पर बैलट पेपर से मतदान हुए वहां बीजेपी सिर्फ 15 प्रतिशत सीट ही जीत सकी है, जबकि ईवीएम से हुए मतदान वाली जगहों पर बीजेपी का जीत प्रतिशत 46 है.'
BJP has only won 15% seats in Ballot paper areas and 46% in EVM areas.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 2, 2017
BJP says a total of 16 elections have been held in UP, out of which 14 were won by BJP, 2 by BSP & Congress-SP disappeared. We say that BJP's wining percentage is 46% wherever polls were conducted via EVMs and 15% when it was done via ballot papers.: Akhilesh Yadav, SP in Kolkata pic.twitter.com/n4l1OOaU5U
— ANI (@ANI) December 2, 2017
अखिलेश के इस ट्वीट पर उन्हें काफी ट्रोल भी किया जा रहा है. हालांकि अखिलेश ने अपनी पार्टी के जीत का प्रतिशत नहीं बताया है.
इस बीच राजधानी लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी नगर निकाय चुनाव में बड़ी जीत का दावा कर लोगों को गुमराह कर रही है और गलत जीत का जश्न मन रही है.
चौधरी ने कहा कि बीजेपी मतदाताओं को गुमराह कर रही है और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है. इस संबंध में पार्टी ने चुनाव आयोग और राज्यपाल को लिखित शिकायत की है.
उन्होंने कहा, 'मतदाता सूची से लोगों के नाम गायब थे. चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल बंद होना चाहिए. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को उठाया है और लिखित में शिकायत की है.'
चौधरी ने कहा कि जिस बड़ी जीत का बीजेपी दावा कर रही है वह गलत है. बीजेपी को करारी शिकस्त मिली है. बीजेपी ने केवल 16 नगर निगमों में से 14 सीट पर जीत हासिल की है. लेकिन नगर पालिका परिषद् और नगर पंचायत में उसे करारी हार मिली है. यहां बीजेपी को 450 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है.
मेयर की सीट पर एसपी का खाता भी नहीं खुला
16 नगर निगमों में एसपी अपना खाता भी नहीं खोल सकी. जबकि मुसलामानों का रुझान भी बीएसपी की तरफ दिखा. जिसकी वजह से बीएसपी दो सीट जितने में कामयाब रही.
बीजेपी ने 16 में से 14 नगर निगमों पर कब्जा जमाया है. जबकि पार्टी के 596 सभासद जीतने में कामयाब रहे. वहीं नगर पालिका परिषद में 70 चेयरमैन बीजेपी के हैं तो 922 पार्षदों ने भी जीत दर्ज की है. वहीं नगर पंचायत में 100 अध्यक्ष तो 664 सदस्य चुने गए हैं.
अगर बात समाजवादी पार्टी की करें तो नगर निगम में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही. महज 202 सभासद ही जीत सके. नगर पालिका परिषद में भी पार्टी दूसरे नंबर रही. 45 चेयरमैन और 477 पार्षद जीते. नगर पंचायत में 83 अध्यक्ष और 453 सदस्य निर्वाचित हुए.
(न्यूज18 के लिए अमित तिवारी की रिपोर्ट)
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