गोरखपुर शहर में ही अपनी स्टेशनरी की दूकान चलाने वाले बृजभूषण पांडे से जब गोरखपुर में चुनावी माहौल के बारे में सवाल किया तो पांडे ने न किसी पार्टी का नाम लिया और न ही किसी नेता का. बस एक नारे को बार-बार दोहराना शुरू कर दिया. ‘गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना है.’
ये नारा काफी पुराना है जिसे गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के समर्थकों की तरफ से कहा जाता रहा है. लेकिन अब ये नारा केवल योगी के एक समर्थक की तरफ से ही नहीं कहा जा रहा है. गोरखपुर में ही एक रिक्शा वाले से हमने पूछा कि क्या माहौल है तो उसने भी बस योगी-योगी कहना शुरू कर दिया.
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इसमें कोई शक नहीं कि गोरखपुर के भीतर योगी आदित्यनाथ का जलवा कायम है. 1998 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ लगातार गोरखपुर से जीतते चले आ रहे हैं. लेकिन, विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी पिछले पंद्रह सालों में काफी कमजोर होती चली गई.
योगी आदित्यनाथ के लिए वर्चस्व की लड़ाई है यूपी
गोरखपुर जिले से बीजेपी को कम से कम शहरी क्षेत्र में जीत मिलती रही है. हिंदुत्ववादी नेता की छवि और हिंदू युवा वाहिनी नाम से हिंदूवादी संगठन चलाने वाले योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर और आस-पास के जिलों में खासा प्रभाव है.
खासतौर से इस इलाके में जाति के आधार पर बंटे समूहों में हिंदू युवा वाहिनी ने पिछड़े तबके में भी अपना संगठन तैयार कर रखा है. देवरिया के गौरा बाजार के राजकुमार सहनी का कहना है कि हमलोग तो योगी के साथ हैं. मल्लाह जाति से आने वाले सहनी के अलावा और भी बहुत सारे लोग हैं जो योगी और हिंदू युवा वाहिनी के साथ खड़े दिख रहे हैं.
लेकिन, इस बार विधानसभा चुनाव के वक्त योगी आदित्यनाथ के लोगों को उस तादाद में टिकट नहीं दिया गया जिसकी वो उम्मीद कर रहे थे.
टिकट बंटवारे से नाराज हिंदू युवा वाहिनी के लोगों ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाने का फैसला किया. बवाल बढ़ा तो योगी ने कार्रवाई भी की और खुद इस पर सफाई भी दी. लगता है अब धीरे-धीरे टिकट बंटवारे के बाद का गुबार अब शांत हो चला है.
मुस्लिमों के भी तारनहार बने योगी आदित्यनाथ
बीजेपी यूपी के भीतर आदित्यनाथ को स्टार प्रचारक के तौर पर घूमा रही है. योगी के भीतर बीजेपी को वो हर बात मिल जाती है जो उसके कोर वोटर को लुभा सके.
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मुस्लिम बहुल पश्चिमी यूपी के भीतर बीजेपी ने कट्टर हिंदूवादी नेता की छवि वाले योगी आदित्यनाथ को खूब घुमाया. ध्रुवीकरण की कोशिश में लगी बीजेपी को इन इलाकों में बाबा की दरकार थी. बाबा ने भाषण भी कुछ ऐसा ही दिया जो बीजेपी की डिमांड थी.
लेकिन, अब धीरे-धीरे चुनाव आगे बढ़ रहा है और पूर्वांचल के इलाके में भी सरगर्मी बढ़ने लगी है. योगी आदित्यनाथ के अपने इलाके गोरखपुर और आस-पास छठे चरण में वोटिंग होनी है तो दारोमदार उनके ऊपर भी बढ़ गया है.
कहा तो ये भी जा रहा है कि इस बार बाबा की साख दांव पर है. लोकसभा चुनाव में लगातार जीतने वाले योगी विधानसभा चुनाव के वक्त पार्टी को वो मुकाम नहीं दिला पाए हैं, जिसकी दरकार रही है.
पिछले विधानसभा चुनाव में गोरखपुर जिले की 9 में से 3 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. लेकिन, आस-पास के जिलों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. लेकिन, यूपी में बड़ी कुर्सी पर नजर गड़ाए योगी को भी मालूम है कि अपने इलाके में विधानसभा में मिली जीत ही उनके लिए आगे का रास्ता बना सकती है.
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