नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ करने से सियासी हलचल पैदा हो गई है. रविवार को नागपुर में स्वयंसेवी महिला संगठन के कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि इंदिरा गांधी अपने वक्त के कई पुरुष नेताओं से बेहतर थीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार गडकरी ने कहा कि वो जात-पात और आरक्षण व्यवस्था में यकीन नहीं रखते. इस देश में इंदिरा गांधी जैसी नेता थीं. वो अपने वक्त के तमाम दिग्गज पुरुष नेताओं से बेहतर थीं. उन्होंने पूछा कि क्या इंदिरा गांधी ने कभी आरक्षण का सहारा लिया?
इंदिरा गांधी के संबंध में गडकरी का दिया यह बयान उनकी पार्टी लाइन के भिन्न है. दरअसल बीजेपी इंदिरा गांधी की लगातार आलोचना करती रही है, विशेष रूप में देश में इमरजेंसी लगाने के लिए. हालांकि बाद में उन्होंने बीजेपी की महिला नेताओं- सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और सुमित्रा महाजन का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा, महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए और मैं इसका विरोध नहीं करूंगा. कोई भी कभी अपने जाति, धर्म, भाषा से बड़ा नहीं बनता है. वो अपने ज्ञान और कर्मों से बड़ा बनता है. क्या हम साईं बाबा, गजानन महाराज या तुकोजी महाराज का धर्म पूछते हैं? क्या हम छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहब अंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फूले से उनकी जाति पूछते हैं? गडकरी ने कहा कि वो जाति और धर्म की राजनीति के खिलाफ हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जरूरत ज्ञान और कौशल को बढ़ाने की है. अगर हमारे पास अच्छा ज्ञान है, तो पार्टी खुद आपके घर आकर टिकट देगी.
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