ऑटो कंपनियां बजट से काफी उम्मीद लगाए हुई हैं. वह चाहती हैं कि इस साल उन्हें सरकार की तरफ से एकमुश्त इंसेंटिव मिले. ऑटो कंपनियों की डिमांड है कि साल 2000 से पहले की पंजीकृत गाड़ियों को सड़क से हटाने की कोशिश में एकमुश्त इंसेंटिव के तौर पर टैक्स रिबेट दिया जाए.
हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के साथ प्री-बजट बैठक में इंडस्ट्री ने सरकार ने निवेदन किया कि पैसेंजर कार पर लगने वाले टैक्स हटा लिया जाए. साथ ही इलेक्ट्रिक कार को बढ़ावा देने के लिए टैक्स का बोझ कम किया जाए.
सूत्रों के मुताबिक, ऑटो इंडस्ट्री इस आइडिया से खुश है कि सरकार प्रदुषण फैलाने वाली पुरानी गाड़ियों को हटाना चाहती है. असल में पुरानी गाड़ियों को हटाने से ऑटो इंडस्ट्री की बिक्री बढ़ेगी.
करीब 80 फीसदी प्रदूषण और हादसों की वजह बीमारू कार होती हैं जिनका मेंटेनेंस ठीक ढंग से नहीं होता. ऐसी कारें मुख्य रूप से 15 साल पुरानी होती हैं.
कंपनियों का कहना है कि ऐसी कारों को सड़क से हटाने के लिए सरकार वन टाइम इंसेंटिव दे. सूत्रों ने बताया कि ये इनसेंटिव जीएसटी, रोड टैक्स, आसान लोन के तौर पर हो सकता है.
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