रामजस कॉलेज के अंग्रेजी विभाग द्वारा 21 फरवरी को 'आदिवासी इलाकों में हिंसा' विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया था.
इस सेमिनार में देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू के छात्र उमर खालिद और जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद शोरा को बतौर वक्ता बुलाया गया था.
उमर खालिद उन तीन छात्रों में से एक थे, जिन्हें 2016 में जेएनयू में अफजल गुरु पर एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर गिरफ्तार किया गया था. शेहला राशिद इन छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन चलाने में शामिल थीं.
इस वजह से इस सेमिनार के खिलाफ 20 फरवरी को एबीवीपी के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद रामजस कॉलेज के प्रशासन ने इस सेमिनार के आयोजन को रद्द कर दिया.
सेमिनार को रद्द करने के फैसले पर बोलते हुए रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि इवेंट को छात्रों के विरोध के कारण रद्द करना पड़ा.
सेमिनार को रद्द करने के फैसले के खिलाफ 21 फरवरी को आइसा-एसएफआई और अन्य छात्र संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. सेमिनार रद्द करने के कॉलेज प्रशासन के फैसले को इन छात्र संगठनों में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कहा है. इन छात्र संगठनों का मानना है कि रामजस कॉलेज प्रशासन ने एबीवीपी के आगे घुटने टेक दिए हैं.
बुधवार को आइसा-एसएफआई और अन्य संगठनों द्वारा बुलाए गये विरोध प्रदर्शन का विरोध करने के लिए एबीवीपी के छात्र भी रामजस कॉलेज पहुंच गए. इसके बाद दोनों छात्र गुटों में झड़प हो गई.
हालात को नियंत्रण में करने के लिए और छात्रों पर काबू आपने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.