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त्रिपुरा में 25 साल में नहीं हुई थी कभी कोई मॉब लिन्चिंग: मानिक सरकार

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि चुनाव में जनता से किए गए वादों को पूरा करने में वो विफल रही है इसलिए समाज को वर्ग और पंथ के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है

Updated On: Jul 29, 2018 01:32 PM IST

Bhasha

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त्रिपुरा में 25 साल में नहीं हुई थी कभी कोई मॉब लिन्चिंग: मानिक सरकार

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में वामपंथी मोर्चे के 25 साल के शासन के दौरान कभी भी भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या (मॉब लिन्चिंग) की कोई घटना नहीं हुई थी.

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं तभी होती हैं जब सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही होती हैं और लोगों का ध्यान इससे इतर (अलग) कहीं और भटकाना चाहती है.

सरकार हाल ही में 5 वामपंथी पार्टियों की ओर से आयोजित एक विरोध-प्रदर्शन ‘मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी (लोकतंत्र की हत्या)’ में शामिल होने दिल्ली आए थे. यह प्रदर्शन त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर लोकतंत्र की हत्या और पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं के विरोध में आयोजित किया गया था.

समाज को वर्ग और पंथ के आधार पर बांटने में लगी है बीजेपी

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी 2014 के चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है और वो समाज को वर्ग और पंथ के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है.

त्रिपुरा में पिछले दिनों 4 लोगों की भीड़ द्वारा हत्या की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में वामपंथी मोर्च के 25 साल के शासन काल में इस तरह की घटना कभी नहीं हुई थी. बच्चा चोरी, पीट-पीट कर हत्या और गोरक्षा बीजेपी के ही शासन का ‘भयानक तरीका’ है. वो केंद्र सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि देश में पसरी इस मनोविकृति का सबसे ज्यादा शिकार अल्पसंख्यक और दलित समुदाय हो रहा है. सरकार उन सभी लोगों की आवाजों को दबाना चाहती है जो बीजेपी का विरोध करते हैं.

त्रिपुरा की बिपल्ब देब सरकार की आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की तरह ही त्रिपुरा की सरकार भी विधानसभा चुनाव के समय जनता से किए गए अपने वादों को पूरा करने में सक्षम नहीं है.

उन्होंने दावा किया कि अब प्रदेश में भुखमरी शुरू हो गई है. राज्य की आर्थिक स्थिति पर दबाब पड़ रहा है. कारोबार और व्यापार में ठहराव आ गया है. लोगों ने सरकार से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं.

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