अपने अटपटे बयानों को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री इन दिनों काफी चर्चा में हैं. उनकी इस बयानबाजी को लेकर यह माना जा रहा है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उनसे काफी नाराज है. मीडिया में पिछले दिनों यह भी खबर आई थी कि बिप्लब देब के बयानों से परेशान होकर पीएम मोदी और अमित शाह ने 2 मई को उन्हें दिल्ली बुलाया था. हाल ही में बिप्लब देब ने रवींद्रनाथ टैगोर को लेकर एक गलत बयान दिया था. रवींद्रनाथ टैगोर की 157वीं जयंती पर बिप्लब देब ने कहा था कि टैगोर ने अंग्रेजों के विरोध में अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था. जबकि ऐतिहासिक तथ्य यह है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड को नाइटहुड का खिताब वापस किया था, न कि नोबेल पुरस्कार.
इससे पहले बिप्लब देब ने इससे पहले महाभारतकाल में इंटरनेट होने का दावा किया था. उन्होंने पूर्व मिस वर्ल्ड डायना हेडेन को लेकर भी विवादास्पद बयान दिया था और युवाओं को नौकरी की जगह पान की दुकान खोलने या गाय पालने की सलाह दी थी. इसके अलावे देब ने यह भी कहा था कि उनके सरकार के कामकाज में बाधा डालने वालों को के वे नाखून उखाड़ लेंगे.
बिप्लब देब के इन बयानों के बारे में जब अमित शाह से सवाल किया गया था तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि बिप्लब देब अभी नए हैं, समझ जाएंगे. इंडिया टुडे ने बिप्लब देब के महाभारतकाल में इंटरनेट होने के बयान का हवाला देते हुए बीजेपी अध्यक्ष से सवाल पूछा. शाह ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा- 'अभी नए हैं, समझ जाएंगे.' अमित शाह ने त्रिपुरा के सीएम के कामकाज भी तारीफ की.
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