राज्यसभा में सोमवार को पेश होने वाले ट्रिपल तलाक बिल को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है. सदस्यों से सदन की कार्यवाही के दौरान मौजूद रहने का व्हिप जारी किया गया है.
राजनीतिक पार्टियां सदन में अक्सर किसी महत्वपूर्ण मुद्दे को बहस के बाद पास करवाने या उसे मंजूर करवाने के लिए अपने सदस्यों को व्हिप जारी करते हैं.
अक्सर लोग सोचते हैं कि राजनीति में व्हिप जारी करना क्या होता है, और राजनीतिक दल व्हिप क्यों जारी करते हैं.
व्हिप का उल्लंघन दल बदल विरोधी अधिनियम के तहत माना जा सकता है और सदस्यता रद्द कर दी जा सकती है. व्हिप 3 तरह के होते हैं- एक लाइन का व्हिप, 2 लाइन का व्हिप और 3 लाइन का व्हिप.
इन तीनों व्हिप में 3 लाइन का व्हिप अहम माना जाता है. इसे कठोर कहा जाता है. इसका इस्तेमाल सदन में अविश्वास प्रस्ताव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस या वोटिंग में किया जाता है. यदि किसी सदस्य ने इसका उल्लंघन किया तो उसकी सदस्यता खत्म होने का भी प्रावधान है.
हालांकि व्हिप को लोकतंत्र की मान्यताओं के अनुकूल नहीं माना जाता है, क्योंकि इसमें सदस्यों को अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि पार्टी की इच्छा के अनुसार कार्य करना होता है जो लोकतंत्र की भावनाओं के खिलाफ है.
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