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वसुंधरा सरकार का किला ढहाने के लिए सचिन पायलट ने बनाई यह रणनीति

राजस्थान में कांग्रेस के कुछ नेता चाहते हैं कि सचिन पायलट को सीएम पद का उम्मीदवार बनाकर विधानसभा चुनाव में उतरा जाए

Updated On: Mar 04, 2018 04:19 PM IST

FP Staff

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वसुंधरा सरकार का किला ढहाने के लिए सचिन पायलट ने बनाई यह रणनीति

राजस्थान में पिछले महीने हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत के गदगद कांग्रेस वहां इस साल के अंत में होने वाले बड़े इम्तिहान की तैयारियों में जोर शोर से जुट गई है. पार्टी यहां आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी हालिया सफलता को भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का रोडमैप पहले ही बना रखा. कांग्रेस यहां जमीनी स्तर पर लोगों से संपर्क बढ़ाने की तैयारी में है. करीब 9800 ग्राम पंचायतों वाले राजस्थान में कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले हर एक में एक बैठक करेगी.

राहुल गांधी ने 2018 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 22 फरवरी को सचिन पायलट, राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत और दूसरे वरिष्ठ नेताओं को नई दिल्ली बुलाया था. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी फिलहाल राज्य में कोई सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी.

राजस्थान में कांग्रेस के कुछ नेता चाहते हैं कि सचिन पायलट को सीएम पद का उम्मीदवार बनाकर विधानसभा चुनाव में उतरा जाए, जबकि दूसरा धड़ा अशोक गहलोत को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में है. ऐसे में राहुल गांधी ने राज्य में किसी तरह की खेमेबाज़ी से बचने के लिए बिना किसी सीएम चेहरे के ही विधानसभा में उतरने का फैसला किया.

राजस्थान कांग्रेस के अंदर जारी इस खेमेबाज़ी की अफवाहों को लेकर जब न्यूज़18 ने पायलट से बात की, तो उन्होंने इसे बीजेपी का महज दुष्प्रचार करार दिया. पायलट ने कहा, 'अगर कांग्रेस में इस तरह की कोई खेमेबाज़ी होती तो हम पिछले चार वर्षों से दौरान उपचुनावों में इतना बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर पाते. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजटु थी, है और आगे भी एकजुट रहेगी. बीजेपी को शायद यह बात पच नहीं रही.'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'एकता ही हमारी शक्ति है. आप उपचुनावों, नगर निगम और पंचायत चुनावों के नतीजे देख सकते हैं. हमारा प्रदर्शन इन सबमें काफी अच्छा रहा है. पिछले चार वर्षों के दौरान कांग्रेस मजबूत हुई है और हम छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने जा रहे हैं.'

इस बीच राज्य के अन्य कांग्रेसी नेता उन राज्यों से सीख लेने में जुटी है, जहां बीजेपी बहुमत पाने में नाकाम रही है. राजस्थान कांग्रेस के एक नेता कहते हैं, 'दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों को देखें. इन राज्यों में ऐसा क्या किया गया? अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार अपने मुद्दे सीधे जनता तक ले गए. केजरीवाल ने जहां दर-दर जाकर लोगों से मुलाकात की, वहीं नीतीश कुमार ने 'हर घर दस्तक' जैसा अभियान चलाया.'

वह कहते हैं, 'हमें उम्मीद है कि राजस्थान में भी यह कवायद काम आ सकती है. सचिन पायलट सहित हमारे तमाम नेता और कार्यकर्ता राज्य के हर गांव जाएंगे और वहां बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था जैसा मुद्दा उठाएंगे. हालांकि राजस्थान क्षेत्रफल के लिहाज बड़ा राज्य है ऐसे में यहां इसमें काफी वक्त लग सकता है.'

(साभार: न्यूज़18)

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