सीपीआई महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव परिणाम वाम मोर्चा के लिए एक ‘झटका’ है जो कम बहुमत से ही सही इस पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद कर रहा था.
सीपीआई के वरिष्ठ नेता रेड्डी ने कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़ रहे त्रिपुरा में चुनाव परिणाम को सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के लिए ‘खराब’ बताया. वाम मोर्चा पिछले 25 वर्षों से त्रिपुरा में सत्ता में था.
बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) त्रिपुरा में अगली सरकार बनाने जा रही हैं. गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फरवरी को हुए चुनाव में बहुमत हासिल किया है. चुनाव परिणाम शनिवार को ही घोषित हुए.
रेड्डी ने पीटीआई से कहा, ‘हमने त्रिपुरा में इस तरह के परिणाम की उम्मीद नहीं की थी. हम वाम मोर्चा की जीत की उम्मीद कर रहे थे, कम बहुमत से ही सही.’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘अंतत: बीजेपी ने गड़बड़ी की, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’
बीजेपी के खिलाफ गड़बड़ी के आरोप को स्पष्ट करने के लिए कहे जाने पर सीपीआई नेता ने दावा किया, ‘11 प्रतिशत ईवीएम मतदान वाले दिन काम नहीं कर रही थीं, इससे संदेह उत्पन्न होता है.’
रेड्डी ने यद्यपि यह स्वीकार किया कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में वाम मोर्च के लंबे समय तक शासन के बाद शासन विरोधी लहर ने एक भूमिका निभाई होगी.
उन्होंने कहा, 'यह वाम मोर्चा के लिए एक झटका है. हम हार के कारणों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे.'
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