सांसदों का मूल वेतन (बेसिक पे) इस साल एक अप्रैल से दोगुना होकर एक लाख रूपए होने वाला है.
संसद में गुरूवार को पेश किए गए वित्त विधेयक में सरकार ने प्रस्ताव किया कि सांसदों का मूल वेतन मौजूदा 50,000 रूपए से बढ़ा कर एक लाख रूपए किया जाएगा. विभिन्न मदों के तहत सांसदों के दिए जाने वाले भत्तों में भी वृद्धि होगी.
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपना पांचवां बजट पेश करते हुए मुद्रास्फीति के अनुरूप प्रत्येक पांच साल में सांसदों के वेतन में स्वत: संशोधन के लिए एक कानून का भी प्रस्ताव रखा.
हर पांच साल पर होगी समीक्षा
उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मैं एक अप्रैल, 2018 से वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, कार्यालय व्यय और सांसदों को दिये जाने वाले मुलाकात भत्ते के पुन: निर्धारण के लिए आवश्यक परिवर्तनों का प्रस्ताव कर रहा हूं.’
जेटली ने कहा कि इस कानून के तहत मुद्रास्फीति के अनुरूप प्रत्येक पांच वर्ष में सांसदों के वेतन में स्वत: संशोधन हो जाएगा और सांसद इस कदम का स्वागत करेंगे और भविष्य में उन्हें ‘इस तरह की किसी आलोचना का सामना नहीं करना पडे़गा.’
वर्तमान में, किसी सांसद के पारिश्रमिक में प्रतिमाह 50,000 रुपए का मूल वेतन, 45 हजार रुपए निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के अलावा अन्य सुविधाएं शामिल हैं. सरकार फिलहाल लगभग 2.7 लाख रुपए प्रतिमाह हर सांसद पर खर्च करती है.
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