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भारत अतिथि देवो भव: वाला देश ही है न?

वर्षों से हमारे देश के लिए कही जा रही इस संस्कृत की उक्ति पर ढंग से विचार करने का समय आ गया है

Updated On: Oct 26, 2017 06:22 PM IST

Arun Tiwari Arun Tiwari
सीनियर वेब प्रॉड्यूसर, फ़र्स्टपोस्ट हिंदी

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भारत अतिथि देवो भव: वाला देश ही है न?

जब किसी पश्चिमी देश से ये खबर आती है कि कोई भारतीय उपेक्षा या किसी हिंसा का शिकार हुआ है तो शायद हममें से सभी इसे भावनात्मक रूप से लेते हैं. हमें बुरा लगता है कि हमारे देश का कोई व्यक्ति दूर देश में किसी मुश्किल शिकार हो रहा है. कई बार गुस्सा भी आता है. जरूरत है कि अब हमें उतना ही दुख अपने देश में विदेशी टूरिस्ट या नागरिकों के साथ होने वाली हिंसा पर भी हो. सामान्य तौर पर होता भी है. जब भी अपने देश में किसी टूरिस्ट या विदेशी के साथ मारपीट की घटना होती है बहुत से लोग इसका प्रतिकार भी करते हैं. लेकिन हर कुछ दिनों बाद ऐसा वाकया जरूर सामने आता है.

भारत में लोगों को आने का न्योता देते हिंदी सिनेमा के स्टार आमिर खान जब अतिथि देवो भव: बोलते हैं तो देश में व्यवहार सुधारने की ही बात करते हैं. एक ऐड में आमिर खान भारत में लोगों के इधर-उधर थूकने की आदत पर भी तंज करते दिखाई दिए थे. वो सारे तंज हम भारतीयों के व्यवहार सुधारने के लिए थे. व्यवहार काफी सुधरा भी है. लेकिन गुरुवार को आई एक खबर ने फिर से भारत की छवि खराब करने का काम किया है. फतेहपुर सिकरी में एक स्विस जोड़े को पत्थरों और डंडे से पीटा गया. दोनों बुरी तरह घायल हो गए.

घटना के बाद सोशल मीडिया से लेकर नेताओं तक की तीखी प्रतिक्रिया आई. सभी ने एक स्वर से इसकी आलोचना की. कई ने यूपी की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ को इसके लिए आड़े हाथों लिया.

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार आने के बाद बड़े जोर-शोर से शुरू किए गए एंटी रोमियो स्क्वाड पर तीखा प्रहार किया है. उनके अलावा कांग्रेसी नेताओं ने भी इसे लेकर यूपी सरकार की खूब फजीहत की है.

विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाओं से इतर भी देखा जाए तो पिछले तीन सालों के दौरान केंद्र सरकार की सबसे अहम मुहिम स्वच्छता अभियान के केंद्र में टूरिज्म भी है. अब ऐसी स्थिति में जबकि किसी टूरिस्ट को सेल्फी लेते हुए पीट दिया जाए और यही खबर जब अगले दिन वहां के अखबारों में छपेगी तो भारत की छवि क्या होगी? निश्चित रूप से ये अतिथि देवो भव: वाली तो नहीं होगी.

इसी साल अप्रैल महीने में गोवा में एक जर्मन महिला से रेप की खबर के बाद एक आइरिश महिला के साथ दक्षिण भारत में भी रेप की खबर आई थी. इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी एक स्विस महिला के साथ रेप केस की खबर आई .

कई रिपोर्ट्स आई हैं कि भारत में महिलाओं के साथ हिंसा की  घटनाएं बड़ी संख्या में होती हैं, विदेशियों के साथ लगातार होती ये घटनाएं देश की छवि और गर्त में लेकर जाएंगी.

लगातार आतंंकी हिंसा की वजह से पिछले कुछ सालों की वजह से हम जम्मू-कश्मीर जैसे टूरिस्ट स्पॉट को खोते जा रहे हैं. अब जब देश के अन्य इलाकों से ऐसी हिंसा की खबरें आएंगी तो देश को टूरिजम इंडस्ट्री के तौर पर डेवलप करने का सपना मात्र सपना ही बनकर रह जाएगा. क्योंकि कोई भी किसी देश में सैलानी के रूप में घूमने आता है पिटाई और रेप कराने नहीं.

इसलिए जरूरी है केंद्र और राज्य की सरकारें विदेशी सैलानियों के अलावा किसी भी दूसरे कारणों से रह रहे विदेशियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तय करें.

UP CM addressing press conference in Lucknow

हालांकि फतेहपुरी सिकरी की घटना के बाद यूपी प्रशासन ने इसपर तेजी से कार्रवाई की है. लेकिन ये कार्रवाई कम डैमेज कंट्रोल ज्यादा लग रहा है. सीएम बनने के साथ ही अपनी कड़क प्रशासनिक छवि बनाने की कोशिशों में लगे योगी आदित्यनाथ गुरुवार को आगरा में ही थे. एक सीएम जो अपनी छवि मजबूत और गुंडा वरोधी बनाने की कोशिश कर रहा है उसके जिले में मौजूद रहते अगर अपराधियों के हौसले बुलंद हों तो सारे प्रयास निरर्थक लगने लगते हैं.

योगी आदित्यनाथ सवालों के घेरे में इसलिए हैं क्योंकि ये घटना यूपी में हुई है. लेकिन विदेशी नागरिकों के साथ हिंसा की खबरें देश के लगभग हर कोने में होती है. प्रशासनिक चुस्ती के अलावा आम नागरिकों को पूरी सतर्कता के साथ कोशिश करनी होगी हमारे देश में आया कोई भी मेहमान हमसे खुश होकर जाए. उसके साथ हुई कोई भी हिंसा या बदतमीजी हमें अपने साथ जोड़कर देखनी होगी तभी विदेशों में भारतीयों के साथ भेदभाव पर गर्व से कुछ कह पाएंगे.

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