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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में ढिलाई बरत रही बिहार सरकार, SC ने फटकार लगाते हुए कहा- शर्मनाक

कोर्ट ने बिहार सरकार को इसमें दर्ज एफआईआर को बदलकर अगले 24 घंटे के अंदर रेप और पॉक्सो एक्ट का केस दर्ज करने का आदेश दिया है

Updated On: Nov 27, 2018 01:20 PM IST

FP Staff

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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में ढिलाई बरत रही बिहार सरकार, SC ने फटकार लगाते हुए कहा- शर्मनाक

सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड मामले की जांच में ढिलाई बरतने को लेकर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले को लेकर बिहार सरकार का रूख नरम है.

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इसमें दर्ज एफआईआर को बदलने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकार से अगले 24 घंटे में इस मामले में रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने को कहा है.

कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा, आप (बिहार सरकार) क्या कर रहे हैं. यह शर्मनाक है. अगर किसी बच्ची के साथ अप्राकृतिक यौनाचार होता है तो इस पर आप कहते हैं कुछ नहीं हुआ है. यह अमानवीय है. कोर्ट ने कहा, हमें बताया गया था कि सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से देख रही है, क्या यही है आपकी गंभीरता. हर बार जब भी इसकी फाइल पढ़ी जाती है यह भयावह होता है?

बिहार के मुख्य सचिव पर नाराजगी जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप अपने कृत्य को जस्टिफाई करें. कोर्ट ने मुख्‍य सचिव से बुधवार को कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट की फटकार को मुद्दा बनाकर विपक्षी पार्टी आरजेडी ने बिहार सरकार को घेरा है. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लीपा-पोती कर इस मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

नाबालिग लड़कियों के लिए मुजफ्फरपुर गर्ल्स शेल्टर होम था 'हॉरर हाउस'

बता दें कि 2018 के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित बालिका सुधार गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था.

Bihar Muzaffarpur Shelter Home

ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ द्वारा संचालित इस गर्ल्स शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों का रेप और यौन शोषण किया जाता था (फोटो: फेसबुक से साभार)

मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी. पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था. इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी. पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र (बिना कपड़ों) पाती थीं.

मामले के तूल पकड़ने पर बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी. जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने 28 जुलाई से इसकी जांच शुरू की थी. इस हाई प्रोफाइल केस में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत कई आरोपी जेल में हैं.

इस कांड में अपने पति और अपना नाम सामने आने के बाद नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रहीं मंजू वर्मा ने काफी दबाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. मंजू वर्मा ने 20 नवंबर को बेगूसराय कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.

यह घटना सामने आने पर नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को खूब निशाना बनाया था.

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