सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एआईएडीएमके के अयोग्य घोषित 18 विधायकों के केस को हाईकोर्ट से सर्वोच्च अदालत ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी बजाए मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एम सत्यनारायण को इस केस में सुनवाई और फैसले के लिए नए जज के तौर पर नियुक्त किया है.
सोमवार को वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने आयोग्य करार दिए गए विधायकों की याचिका को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजय किशन कौल की अवकाशकालीन पीठ को सौंपा. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
14 जून को इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने खंडित फैसला दिया था. हाईकोर्ट की बेंच के खंडित फैसले के बाद तीसरे जज नए सिरे से सुनवाई करेंगे.
मद्रास हाईकोर्ट ने 14 जून को अपने खंडित फैसले में बागी हुए इन 18 विधायकों को दल-बदल कानून (एंडी डिफेक्शन लॉ) के तहत अयोग्य घोषित करने की विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल की पिछले साल 18 सितंबर की व्यवस्था पर अलग-अलग फैसला सुनाया था. चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने अपने 200 पन्नों के फैसले में विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को बरकरार रखा था. जबकि जस्टिस एम सुंदर ने अलग निर्णय में इससे असहमति जताई थी.
अयोग्य ठहराए जाने के बाद तमिलनाडु विधानसभा में सदस्यों की संख्या 216 रह गई है. वर्तमान में सत्ताधारी एआईएडीएमके के पास स्पीकर समेत कुल 116 विधायक हैं. जबकि विपक्षी पार्टियों के 98 सदस्य हैं.
इस मामले में अंतिम फैसला आने तक तमिलनाडु में कोई उपचुनाव नहीं करवाए जाएंगे. इन सभी विधायकों को एआईएडीएमके के बागी नेता टीटीवी दिनाकरण के साथ वफादारी निभाने पर अयोग्य घोषित किया गया था.
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