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सुखपाल खैरा का आप से इस्तीफा, सिसोदिया ने कहा- उनके जाने से पार्टी मजबूत होगी

कुछ ही दिन पहले ही वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था

Updated On: Jan 06, 2019 05:53 PM IST

FP Staff

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सुखपाल खैरा का आप से इस्तीफा, सिसोदिया ने कहा- उनके जाने से पार्टी मजबूत होगी

पंजाब विधानसभा में पूर्व विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने आम आदमी पार्टी (आप) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उन्हें विधायक पद से हटने के लिए भी कहा. साथ ही विधायक सिसोदिया ने कहा कि बागी नेता के बाहर निकलने से पार्टी मजबूत होगी.

सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'सुखपाल खैरा का इस्तीफा अपेक्षित था. उनके बाहर निकलने से पार्टी मजबूत होगी. उन्हें अब एमएलए के पद से भी इस्तीफा दे देना चाहिए, जिसे उन्होंने पार्टी के टिकट पर जीता था. श्री खैरा ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह तब शुरू किया जब पंजाब में विपक्ष के नेता का पद एक दलित नेता को दिया गया था.'

सिसोदिया ने कहा खैरा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'आप गरीब और हाशिए के लोगों के लिए काम करती रहेगी. जिन्हें इसमें समस्या है वे पार्टी छोड़ सकते हैं. खैरा, पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे और तब से पार्टी के खिलाफ खुलकर विद्रोह कर रहे थे. उन्होंने पार्टी तोड़ने की कोशिश की. कौन सा संगठन इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त कर सकता है?'

खैरा ने दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 'तानाशाही रवैये' वाला कहने के बाद इस्तीफा दे दिया. उनके आरोपों का जवाब देते हुए, सिसोदिया ने कहा 'अरविंद केजरीवाल जी हमेशा कहते हैं कि जो लोग पद या सत्ता के लिए आए हैं, उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए. वो हमेशा स्थिति और शक्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे.'

खैरा को पिछले साल ही पार्टी से निलंबित कर दिया गया था:

खैरा को पिछले साल नवंबर में कथित 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' और 'केंद्रीय और राज्य नेतृत्व पर लगातार हमला' करने के कारण आप से निलंबित कर दिया गया था. अब 8 जनवरी को चंडीगढ़ में खैरा, पंजाब डेमोक्रेटिक गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं. पिछले महीने, उन्होंने लोक इंसाफ पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आप सांसद डॉ धर्मवीर गांधी और अन्य- 'समान विचारधारा वाले दलों’ के साथ इस गठबंधन की घोषणा की थी.

कुछ ही दिन पहले ही वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक फूलका के इस्तीफे का एक महत्वपूर्ण कारण पंजाब इकाई की समस्याओं को गंभीरता से लेने में असफल रहने और फीडबैक पर प्रतिक्रिया देने में केंद्रीय नेतृत्व की विफलता है.

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