शिवसेना और बीजेपी के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. और दूसरी तरफ पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर नितिन गडकरी के नाम की सिफारिश हो रही है. महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों से ही शिवसेना और बीजेपी के बीच तल्खी बढ़ी गई है. अब लोकसभा चुनावों के पहले शिवसेना ने बीजेपी के साथ किसी भी तरह का कोई गठबंधन करने से इनकार कर दिया है.
क्या है शिवसेना का अनुमान?
शिवसेना को अनुमान है कि अगले लोकसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर त्रिशंकु नतीजे आते हैं तो नितिन गडकरी प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर उभर सकते हैं. उन्होंने कहा, अगर ऐसा होता है तो शिवसेना बीजेपी को सपोर्ट करेगी.
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में राउत ने एक बार फिर कहा कि शिवसेना के शब्दकोष मं गठबंधन जैसा कोई शब्द नहीं है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी केवल खुद की सोच रही है. इसलिए हम भी केवल अपनी ही सोचेंगे.'
लंबे समय से बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों में तल्खी है. शिवसेना ने राफेल लड़ाकू विमान की खरीद मामले में कांग्रेस की संयुक्त संसदीय आयोग (JPC) की मांग का भी समर्थन किया था. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी अपने कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कह चुके हैं. वहीं शिवसेना कई चुनावी वादों की याद दिलाते हुए सरकार पर हमले बोल रही है.
अब पार्टी ने कहा है कि यदि गडकरी पीएम पद के दावेदार बनते हैं तो वह उनका समर्थन करेगी. महागठबंधन की कवायद पर राउत ने कहा कि बिना कांग्रेस के यह कामयाब नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'यदि महागठबंधन में कांग्रेस नहीं शामिल हुई तो वे कामयाब नहीं होंगे.'
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