शिवसेना ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार की मशीनरी को राज्य में एक बुजुर्ग किसान की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. किसान ने जमीन के अपर्याप्त मुआवजे की वजह से जहर खा लिया था.
शिवसेना का कहना है कि इस मामले से संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसते हुए बीजेपी के सहयोगी शिवसेना ने कहा कि भोजन, कपड़े और आवास वाली समस्या सिर्फ भाषण देने से नहीं सुलझेगी.
84 साल के धर्म पाटिल की मौत मंत्रालय राज्य सचिवालय में जहर खाने के छह दिन बाद 28 जनवरी को एक सरकारी अस्पताल में हो गई. दरअसल सरकार ने किसान की जमीन एक परियोजना के मामले में हासिल की थी लेकिन किसान इस जमीन के बदले मिली मुआवजे की राशि से खुश नहीं था.
सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, 'जब धर्म पाटिल मंत्रालय पहुंचा था तब मुख्यमंत्री दावोस में राज्य के लिए निवेश मांग रहे थे. इस तरह के निवेश का क्या मतलब है जब घर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं.'
संपादकीय में कहा गया है, ' भोजन, कपड़े और आवास की समस्या सिर्फ भाषण देने से नहीं सुलझेगी. भाषण माफिया ने इस किसान की हत्या कर दी. मुख्यमंत्री को राज्य चलाना चाहिए न कि बीजेपी.'
शिवसेना ने कहा है कि इस किसान की मौत अच्छे प्रशासन की पहचान नहीं है.
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उन्होंने कहा कि लोया की मौत को कभी भूला नहीं जा सकेगा
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ट्विटर पर लोगों ने इस फैसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी है
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