शिवसेना ने कहा है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की दिल्ली में भूख हड़ताल के दौरान पार्टी नेता संजय राउत की उनसे मुलाकात महज शिष्टाचार भेंट थी. सहयोगी पार्टियों के साथ बीजेपी के बर्ताव को लेकर शिवसेना ने उसकी आलोचना की. केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने कहा कि ऐसी क्या गारंटी है कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए अगर कुछ संख्या बल कम पड़े, तो बीजेपी अपनी पूर्व सहयोगी नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी से संपर्क नहीं करेगी.
शिवसेना के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य संजय राउत सोमवार को अचानक नायडू के अनशन स्थल पर पहुंचे थे. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नायडू ने मंगलवार को दिल्ली में अनशन किया था. राउत ने कहा था कि वो पार्टी के प्रतिनिधि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए. गौरतलब है कि शिवसेना के अपनी सहयोगी बीजेपी के साथ संबंधों में काफी तल्खी आई है.
नायडू के साथ राउत की मुलाकात को सही ठहराते हुए शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा कि उसके नेता ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से महज 'शिष्टाचार भेंट' की, क्योंकि उनका राज्य दो भागों में बंट गया है. संपादकीय में कहा गया, 'हम भी राज्यों के बंटवारे के खिलाफ हैं. लेकिन हमारी मुलाकात को ऐसे देखा जा रहा है जैसे सरकार पर आसमान टूट पड़ा हो. क्या गारंटी है कि लोकसभा चुनावों के बाद सरकार गठन के लिए जरूरत पड़ने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता नायडू के दरवाजे पर दस्तक नहीं देंगे?' सामना में कहा गया है, 'नायडू जब तक एनडीए के साथ थे तब तक वह एक बेहतरीन नेता रहे और अब वह अचानक 'अछूत' हो गए हैं.'
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.