दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही और नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शीला दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द अपने चुनाव प्रचार को रखने की बीजेपी की योजना 2014 जैसा काम नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि मोदी ने पिछले साढ़े चार साल में इस शहर के लिए कुछ नहीं किया है और लोग आम चुनाव में अपना गुस्सा जाहिर करेंगे.
शीला ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली में अपना खोया हुआ आधार तेजी से वापस पा रही है. उन्होंने लोकसभा चुनावों के लिए ‘आप’ के साथ किसी चुनावी तालमेल से इनकार करते हुए उसे बहुत ही गैर-भरोसेमंद बताया. उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राजनीतिक रूप से अहम राज्यों में हुए चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत के बाद पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति आदर काफी बढ़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के लोगों में अब राहुल गांधी के प्रति आदर बढ़ा है. हमने उनमें एक ऐसा नेता पाया है जो उत्तरदायी हैं और आमतौर पर सही फैसले लेते हैं. इसलिए हम आने वाले लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर बहुत आश्वस्त हैं. कांग्रेस काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी.'
हालांकि, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने इस सवाल का सीधा उत्तर नहीं दिया कि क्या पार्टी सत्ता में लौटेगी? लेकिन उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत के लोग बीजेपी की करतूतों को लेकर उसे सबक सिखाएंगे. उन्होंने कहा, 'इस वक्त मैं यह नहीं कह पाउंगी कि क्या कांग्रेस सत्ता में लौटेगी. लेकिन तीन राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम वहां जीत जाएंगे. कांग्रेस एक विनम्र पार्टी है. हम दिखावे में यकीन नहीं रखते. अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर हम आश्वस्त हैं.'
मोदी फैक्टर नहीं चलेगा
दरअसल, 2014 के आम चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था जबकि बीजेपी ने सभी सातों सीटें अपने नाम कर ली थी. बीजेपी ने मोदी को 2014 में अपने चुनाव प्रचार का चेहरा बना कर पेश किया था. शीला ने कहा, 'इस बार मोदी फैक्टर नहीं चलेगा. उन्होंने दिल्ली के लिए एक भी काम नहीं किया है. लोग (उनके खिलाफ) अपना आक्रोश जाहिर करने के लिए इंतजार कर रहे हैं. बीजेपी मुश्किल में है.'
उन्होंने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उसने नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम उठा कर आम आदमी की मुसीबतें बढ़ा दीं. इसके अलावा धर्म के नाम पर समाज का ध्रुवीकरण किया. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में कांग्रेस के साथ कोई गठजोड़ नहीं करने की आप की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि यह उनकी पार्टी है. जिसने दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, 'मैं कई बार कह चुकी हूं कि ‘आप’ के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है.' हम सभी सातों सीटों पर नजरें जमाए हुए हैं.
यह पूछे जाने पर कि चुनाव के बाद यदि विपक्षी दलों के प्रस्तावित गठबंधन के पास संख्या बल होगा तो क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद की स्वाभाविक पसंद होंगे, शीला ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, 'मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती.' कांग्रेस में सोनिया गांधी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि वह (सोनिया) हम सब के लिए पथप्रदर्शक जैसा काम करेंगी. दिल्ली कांग्रेस में गुटबाजी के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सभी को साथ लाने की है.
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