बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को घोषणा की कि उनकी सरकार सऊदी अरब की मदद से 560 आदर्श मस्जिदें और एक इस्लामी विश्वविद्यालय बनाएगी. हसीना के इस कदम को अगले महीने प्रस्तावित संसदीय चुनाव से पहले कट्टरपंथियों को लुभाने का प्रयास माना जा रहा है.
इस्लामी धर्मगुरुओं की एक रैली को संबोधित करते हुए हसीना ने धर्मगुरुओं से सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी दुष्प्रचार से नाराज नहीं होने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने धर्म को लेकर किसी भी द्वेषपूर्ण अभियान के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूत कानून बनाए हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि सोशल मीडिया पर बहुत दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है... उस पर किसी तरह का ध्यान मत दीजिए.’
हसीना सरकार को धर्मनिरपेक्ष समर्थक माना जाता है:
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस तरह के द्वेषपूर्ण अभियानों से निपटने के लिए कड़ा साइबर अपराध कानून लेकर आई है और ‘इस तरह की झूठी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’
‘ढाका ट्रिब्यून’ के अनुसार उन्होंने कहा कि सऊदी सरकार मस्जिदें और इस्लामी विश्वविद्यालय स्थापित करने में उनकी सरकार की मदद करेगी. हसीना की अवामी लीग पार्टी को धर्मनिरपेक्ष जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी को कट्टरपंथियों का हिमायती माना जाता है.
प्रधानमंत्री की इस रैली मैं कौमी मदरसों के हजारों छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया. रैली में कौमी नेताओं ने प्रधानमंत्री को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई.
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