एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि हालिया उपचुनावों में बीजेपी का खराब प्रदर्शन ‘कोई छोटी चीज नहीं’ है. उन्होंने भगवा दल के खिलाफ विपक्ष से एक मंच पर आने का आह्वान किया और कहा कि वह इसमें एकजुटता के सूत्रधार की भूमिका निभाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि देश में 1977 जैसी स्थिति है जब विपक्षी दलों के गठबंधन ने इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया था.
पवार ने कहा, ‘ज्यादातर उपचुनाव परिणाम सत्तारूढ़ पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ गए. यह कोई छोटी चीज नहीं है.’ उन्होंने यह बात भंडारा-गोंदिया से अपनी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद मधुकर कुकडे से मुलाकात के बाद कही. पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘पूर्व में ऐसे अवसर रहे हैं जब उपचुनावों में मिली हार का नतीजा उस समय की मौजूदा सरकार की हार के रूप में निकला.’
उन्होंने 1977 को भी याद किया जब विपक्षी एकता का परिणाम इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की हार के रूप में निकला था और कहा कि उसी तरह की स्थितियां अब बन रही हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘लोकतंत्र में विश्वास करने वाले और साझा न्यूनतम कार्यक्रम रखने वाले बीजेपी विरोधी दलों को लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए और एक मंच पर आगे आना चाहिए.’
आम सहमति बनाएं क्षेत्रीय दल
उन्होंने कहा कि राज्यों में मजबूत मौजूदगी रखने वाले दलों (जैसे कि केरल में वाम, कर्नाटक में जेडीएस, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में कांग्रेस, आंध्र प्रदेश में तेदेपा, तेलंगाना में टीआरएस, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और महाराष्ट्र में एनसीपी) को एक आम सहमति बनाने की आवश्यकता है. पिछले हफ्ते विपक्षी दल लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में 14 सीटों में से 11 पर विजयी बनकर उभरे थे और सत्तारूढ़ पार्टी और इसके सहयोगी तीन सीटों तक सिमटकर रह गए थे.
महाराष्ट्र के कद्दावर नेता ने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने में उन्हें खुशी होगी. ‘किसी भी कीमत पर किसी भी माध्यम से’ उपचुनाव जीतने के बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की टिप्पणी के संबंध में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों को लागू किया गया.
राज्यसभा के 77 वर्षीय सदस्य ने कहा, ‘मैंने बहुत से चुनाव देखे हैं, लेकिन सत्ता का ऐसा दुरुपयोग कहीं नहीं देखा. जिला प्रशासन (महाराष्ट्र में भंडारा-गोंदिया उपचुनाव के संदर्भ में) शनिवार और रविवार को बैंक खुले रखने का आदेश देता है जिससे कि लाभार्थियों को मतदान की पूर्व संध्या पर उनके खातों में धन मिल सके.’ उल्लेखनीय है कि गोंदिया के जिला कलेक्टर अभिमन्यु काले को लोकसभा उपचुनाव में बड़े पैमाने पर ईवीएम में खराबी की शिकायतें मिलने के बाद स्थानांतरित कर दिया गया था.
काले भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी थे जहां 40 से अधिक मतदान केंद्रों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं. पवार ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने कहा कि संबंधित जिला कलेक्टर आठ से दस साल तक कहीं भी चुनाव ड्यूटी पर नहीं रहेंगे. राज्य और केंद्र सरकारों को ऐसे अधिकारियों को सेवा में नहीं रखना चाहिए और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.’
किसानों की हड़ताल के मुद्दे पर एनसीपी नेता ने कहा कि समाज के सभी तबकों को किसानों का समर्थन करना चाहिए जो सरकार की उदासीनता के चलते प्रदर्शन करने को मजबूर हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘यह कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है. मैं आंदोलित किसानों से अपील करता हूं कि वे दूध को सड़कों पर न फेंकें. वे अपनी उगाई फसलों को नष्ट न करें, बल्कि इसकी जगह वे इसे गरीबों में वितरित कर दें.'
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