बिना भंयकर शोर-गुल और खींच-तान के एनडीए के घटक दलों के नेताओं ने आपस में लोकसभा सीटों की संख्या का बंटवारा महीनों पहले कर लिया था. उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बिहार सरकार में शामिल तीन दलों ने मिल-बैठकर करीब-करीब इसका भी फैसला कर लिया है कि किसके हिस्से में कौन लोकसभा का सीट जाएगी.
आपस में बनी सहमति के अनुसार बिहार के कुल 40 लोकसभा सीटों में बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड 17-17 सीटों पर लड़ेंगे जबकि लोक जनशक्ति पार्टी के लिए 6 सीटें छोड़ दी गई हैं. सीट समझौते में सबसे ज्यादा घाटा बीजेपी को हुआ है क्योंकि भगवा पार्टी को अपने जीती हुई कुल 22 सीटों में 5 सीट का खून करना पड़ा हैं जबकि 2014 चुनाव में मात्र दो सीट पर विजयी जनता दल को 15 सीट का नेट प्रॉफिट हुआ है.
एलजेपी को न नफा हुआ है और न ही नुकसान. पिछले लोकसभा में एलजेपी को 7 सीटें मिली थीं जिसमें 6 उसने जीत ली थीं. इस बार उसको 6 लोकसभा सीट मिली हैं. इसके अलावा राम विलास पासवान को राज्यसभा का कन्फर्म टिकट देने का वादा एनडीए नेतृत्व ने किया है.
बहरहाल, एनडीए के एक जिम्मेदार नेता की बातों पर विश्वास करें तो कौन कैंडिडेट, किस लोकसभा सीट पर लड़ेगा इसका भी समाधान करीब-करीब हो गया है. उनका कहना है,‘लगभग 30 प्रतिशत संभावित उम्मीदवारों को प्रचार के लिए बीजेपी, जनतादल यूनाइटेड और एलजेपी शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ग्रीन सिग्नल भी दिया जा चुका है. इन सभी ने अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में जोर-शोर से चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है.’
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सीट बंटवारे में कई बीजेपी के उम्मीदवार जनता दल यूनाइटेड के सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे उम्मीदवारों में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह का नाम प्रमुख है. सुशील कुमार सिंह मूल रूप से जनता दल यूनाइटेड मानसिकता के रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव के कुछ दिन पहले कई राजनीतिक कारणों से नीतीश कुमार से खटपट हो गई और उन्होंने बीजपी का दामन थाम लिया. जनता दल यूनाइटेड ने जिन 17 सीटों को चिन्हित किया है उसमें चितौड़गढ़ के नाम से जाने जाना वाला औरंगाबाद सीट भी है.
जेडीयू ने 2014 चुनाव में पुर्णिया तथा नालंदा सीट पर जीत का परचम लहराया था. ये दोनों सीट इस बार भी नीतीश कुमार के दल के पास रहेंगी. इसके अलावा मुंगेर, किशनगंज, काराकाट, वाल्मीकी नगर, दरभंगा, झंझारपुर, जहानाबाद, गोपालगंज, महाराजगंज, बांका, मधेपुरा, सीतामढ़ी और सुपौल पर लगभग सहमति बन गई है. नीतीश कुमार की चाहत है कि सासाराम, आरा या पाटलिपुत्र मे से एक सीट बीजेपी उनके लिए खाली कर दे. सासाराम से छेदी पासवान, आरा से केंद्रीय राज्य मंत्री राजकुमार सिंह तथा पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने बीजेपी के टिकट पर पिछला चुनाव जीता था.
बीजेपी ने अपने लिए भागलपुर, नवादा, बक्सर, गया, कटिहार, खगड़िया, मधुबनी, सारण, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पटना साहेब, पूर्वी चंपारण, शिवहर, उजियारपुर, पाटलिपुत्र, सीवान और सासाराम को चिन्हित किया है. उसी तरह एलजेपी के खाते में हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, अररिया, वैशाली और बेगूसराय लोकसभा सीट के चले जाने की प्रबल संभावना है. 2014 लोकसभा चुनाव में बेगूसराय से बीजेपी के उम्मीदवार भोला सिंह विजयी घोषित हुए थे. हालांकि इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड की भी गिद्ध दृष्टि है.
एलजेपी चाहती है कि उसे नवादा सीट दी जाए. पार्टी सुप्रीमो की इच्छा है इस सीट से सुरजभान सिंह की पत्नी और मुंगेर की सांसद वीणा देवी चुनाव लड़ें. नवादा सीट का प्रतिनिधित्व केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह करते हैं. वैसे पीएम नरेंद्र मोदी की गुड बुक में रहने वाले गिरिराज सिंह ने ऐलान किया है,‘मैं नवादा को छोड़कर किसी दूसरी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं.’
वीणा देवी को इसलिए सीट बदलना पड़ रही है कि उनका मुंगेर लोकसभा क्षेत्र जेडीयू के हिस्से में चली गई है और नीतीश कुमार सरकार में जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन प्रसाद सिंह उर्फ ललन सिंह के यहां से लड़ने की प्रबल संभावना है. ललन सिंह ने बाकायदा दो महीने पहले से ही चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है.
पूर्व विधानपरिषद सदस्य और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता संजय झा को भी दरभंगा से चुनाव लड़ने का ग्रीन सिग्नल मिल गया है. गंभीर चर्चा है कि बीजेपी के विधान पार्षद देवेश चन्द्र ठाकुर सीतामढ़ी लोकसभा से जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी होंगे. बांका लोकसभा सीट से बीजेपी नेत्री और दिवंगत दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल सिंह को जनता दल यूनाइटेड के सिंबल पर चुनाव लड़वाने की तैयारी है.
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भरोसेमंद बीजेपी सूत्र का कहना है कि हाई कमान ने जिन लोकसभा सदस्यों को 2019 महाभारत में दोबारा कैंडिडेट बनाए जाने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया है, उनमें नित्यानंद राय, संजय जायसवाल, हरि मांझी, राधामोहन सिंह, राजीव प्रताप रूडी और ओम प्रकाश यादव का नाम शामिल है. जनता दल यूनाइटेड के दोनों सीटिंग एमपी क्रमशः संतोष कुमार पुर्णिया तथा कौशलेन्द्र कुमार नालन्दा से फिर चुनाव लड़ेंगे.
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