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गहलोत को सीएम बनाए जाने पर बोले सचिन पायलट- इस कार के 2 इंजन हैं

राजस्थान में सरकार चलाने के लिए पायलट का नाम सीएम के तौर पर खूब चर्चा में था

Updated On: Dec 18, 2018 07:02 PM IST

FP Staff

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गहलोत को सीएम बनाए जाने पर बोले सचिन पायलट- इस कार के 2 इंजन हैं

राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी सरकार को दो इंजन का बताया है. उन्होंने कहा, 'इस कार के 2 इंजन हैं.' एनडीटीवी के मुताबिक सचिन ने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि राजस्थान में सरकार चलाने के लिए पहले सीएम के तौर पर उनका नाम भी खूब चर्चा में था.

हालांकि बाद में आलाकमान ने यह फैसला लिया कि वरिष्ठ कांग्रेसी अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम होंगे और सचिन पायलट डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.

राजस्थान का सीएम चुनने से पहले यह मामला खूब उछला था. मीडिया रिपोर्ट में सामने आया था कि सचिन पायलट, अशोक गहलोत को सीएम बनाए जाने के फैसले से खुश नहीं थे और उन्होंने कहा था कि इस चुनाव के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है.

पार्टी ने उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की थी और सोनिया गांधी ने भी पायलट से बात की थी लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे. सचिन पायलट का कहना था कि उन्होंने राजस्थान में जमकर मेहनत की है और अगर ऐसे में उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा. हालांकि बाद में पायलट को कांग्रेस के हाईकमान का फैसला मानना ही पड़ा.

गौरतलब है कि सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट ने सोनिया गांधी के मुकाबले कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का माद्दा दिखाया था. इसी तरह बोफोर्स तोप दलाली कांड में राजीव गांधी पर उंगली उठने के दौरान और उनकी जघन्य हत्या के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के मरहूम पिता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया को कमान सौंपने की आवाजें उठी थीं.

ऐसे में यह कयास लगना अस्वाभाविक नहीं है कि राहुल गांधी ने अपनी गद्दी सबसे उंची बनाए रखने के लिए युवा के बजाए बुजुर्ग नेतृत्व को मध्यप्रदेश और राजस्थान की कमान सौंपी है.

कांग्रेस के इन भीतरी निर्णयों के बारे में दूसरी धारणा यह बन रही है कि राहुल गांधी की अपनी मां सोनिया गांधी और उनके पूर्व राजनीतिक सलाहकार और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के आगे दाल नहीं गल रही.

इसलिए उन्हें मजबूरन बुजुर्ग नेताओं की हां में अपनी हां भी मिलानी पड़ी और सचिन और ज्योतिरादित्य सीएम नहीं बन सके. कयास तो यहां तक है कि अहमद पटेल 2019 की रणनीति के नाम पर सोनिया गांधी की मार्फत कांग्रेस में अपना और अपने पुराने साथियों का ही पउवा भारी रखे हुए हैं.

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