बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह (शेल्टर होम) में नाबालिग लड़कियों के साथ रेप और यौन शोषण मामले में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला तेज कर दिया है. तेजस्वी ने उनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है. मामले को लेकर उन्होंने नीतीश कुमार के नाम एक खुले खत के जरिए जमकर निशाना साधा.
ट्विटर पर शेयर किए अपने खत में तेजस्वी ने लिखा, 'मुजफ्फरपुर मामले पर आपके महीनों की रहस्यमय चुप्पी देखकर खुला पत्र लिखने पर विवश हुआ हुआ हूं. यह विशुद्ध रूप से गैर-राजनीतिक पत्र है, क्योंकि एक समाजिक कार्यकर्ता होने से पहले मैं 7 बहनों का भाई, एक मां का बेटा और कई बेटियों और भगिनी का चाचा और मामा हूं. बच्चियों के साथ हुई इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं. आप कैसे चुप रह सकते हैं आपसे बेहतर कौन जानता है.'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मेरा खुला पत्र... pic.twitter.com/1WaltH4okF
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 4, 2018
तेजस्वी ने बच्चियों के साथ हुई बर्बरता पर चिंता जताते हुए लिखा, 'इस घटना के बाद मैं दुखी हूं, क्योंकि जिनकी उम्र खिलौने से खेलने की है वो खुद खिलौना बन गईं. वो अनाथ मासूम लड़कियां किसी का वोटबैंक नहीं, इसलिए इससे हमें क्या लेना-देना? उनसे हमारा कोई रिश्ता थोड़ी न था. वह लुटती रहीं, पिटती रहीं, शर्मसार होती रहीं, बेइज्जत होती रहीं, कराहती रहीं, चीखती रहीं, मरती रहीं. वो हवस के पुजारियों के हाथों हर रात लुटती रहीं और सरकार गहरी नींद में सोती रही. क्या यहीं सुशासन है, जहां पुलिस प्रशासन ने आंखे मूंद ली थी. यह समाज और सरकार का सबसे घिनौना और गंदा चेहरा है.'
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने खत में लिखा, 'वो बेटियां क्या बिहार की अमानत नहीं हैं? अगर वर्तमान बिहार सरकार की जिम्मेदारी नहीं है तो न ले, क्योंकि हम उसे मुर्दा मान चुके हैं. जिनका जमीर मर चुका है वो जिंदा रहकर भी क्या करेगा? मुजफ्फरपुर की यह घटना मानवीय इतिहास की सबसे क्रूरतम और शर्मनाक घटना है. संस्थागत रूप से इतना सबकुछ होता रहा, लेकिन सरकार के एक भी तंत्र और सूत्रों के कानों में जू तक नहीं रेंगी. एक प्राइवेट संस्थान ने जब इसकी रिपोर्ट दी तो 55 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब हमने सदन में मामला उठाया तो संसदीय मंत्री ने सदन को गुमराह किया.'
क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष @SwatiJaiHind जी द्वारा लिखे पत्र का जवाब देने की हिम्मत है?
चाचा जी, मुज़फ़्फ़रपुर कांड राष्ट्रीय शर्म का विषय है। ऐसे जघन्य जन बलात्कार कांड पर आपकी आपराधिक चुप्पी सिरहन पैदा करती है।#RashtriyaSharm pic.twitter.com/zS5YFU6gkr— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 4, 2018
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने लिखा, 'इस घटना के आरोपियों के आरोप सिद्ध होने पर उन्हें कम से कम फांसी की सजा होनी चाहिए. ऐसी घटना बिहार में दोबारा ना हो पाए नहीं, तो लोग बेटियों को पैदा करने से डरेंगे. क्या देश का अगला चुनाव बैलेट पेपर पर होना चाहिए?' तेजस्वी ने कहा कि बेटियों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को मुंह खोलना ही होगा. इसके लिए विपक्ष दबाव बनाएगा.
In solidarity with our sisters who suffered brutal onslaught on their dignity at #MuzaffarpurShelterHome We shall fight, we Shall win...You May join us today evening at Jantar-Mantar pic.twitter.com/s8kYPkdGm5
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 4, 2018
देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन के लिए रवाना होने से पहले शुक्रवार को तेजस्वी ने अपना खुला खत ट्विटर पर साझा करने के अलावा मीडिया को भी जारी किया. इसमें बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की गलतियों को भी उजागर किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे पर सवाल उठना लाजिमी है.
(न्यूज़18 से साभार)
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