चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देने के बाद उनकी ये जेल की 9वीं यात्रा होगी.
रांची में सीबीआई कोर्ट ने शनिवार को लालू को केस नंबर 64ए/96 में दोषी पाया. यह मामला 1994-96 के बीच का है जब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे. उस समय फर्जी बिल के आधार पर मवेशियों के चारा के लिए 85 लाख रुपए निकाले गए.
इस केस के अलावा लालू चारा घोटाले के एक अलग मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं. 2013 में इसी कोर्ट ने उन्हें ये फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बेल दिया था, तब से वो जेल से बाहर हैं.
अपने राजनीतिक जीवन के 40 साल से ज्यादा के सफर में लालू कई बार जेल के अंदर-बाहर होते रहे हैं. उनके वकील चितरंजन प्रसाद सिंह ने बताया कि उन्हें चारा घोटाले से संबंधित मामलों में केवल पांच बार सलाखों के पीछे भेजा गया.
यह तीसरा मौका होगा जब लालू रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में रहेंगे. वह पहली बार 2001 में इस जेल में गए थे. तब एक स्थानीय अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था. इस मौके पर लालू ने अपनी पूरी ताकत का प्रदर्शन किया था. पटना से रांची जेल जाते वक्त लालू गाड़ियों के काफिले से निकले और रास्ते में रैलियों को संबोधित भी किया. 2013 में दोषी ठहराए जाने के बाद इस जेल में लालू 4 महीने से ज्यादा के लिए रहे.
जब पहली बार सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल किया तब लालू को जेल जाना पड़ा. उनकी यह जेल यात्रा बहुत ही नाटकीय रही क्योंकि लालू ने हाथी से जेल जाने का फैसला किया था.
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