कंज्यूमर इन्फ्लेशन में लगातार नरमी आ रही है और जून में यह कम से कम पांच सालों के निचले स्तर पर पहुंच गई है. इस साल जून में महंगाई घटने की वजह खाद्य कीमतों की नरमी रही है. महंगाई घटने से इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) संकटग्रस्त इंडस्ट्रियल सेक्टर को मजबूती देने के लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.
जून में 1.54 फीसदी रही खुदरा महंगाई
स्टेटिसटिक्स ऑफिस (सांख्यिकी विभाग) की तरफ से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जून में रिटेल इन्फ्लेशन (खुदरा महंगाई) घटकर 1.54 फीसदी पर पहुंच गई है, जो कि इस साल मई में 2.1 फीसदी पर थी. वहीं, जारी किए गए आंकड़ों के दूसरे सेट से पता लगता है कि मई में इंडस्ट्रियल ग्रोथ (औद्योगिक वृद्धि) 1.7 फीसदी रही है, अप्रैल के लिए संशोधित किए गए 2.7 फीसदी से कम है.
2012 के बाद से रिटेल इन्फ्लेशन सबसे कम
सरकार ने 2012 से कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर डेटा जारी करना शुरू किया था और जून की रिटेल इन्फ्लेशन उस समय से सबसे कम है. जून में फूड इन्फ्लेशन (खाद्य महंगाई) में गिरावट मई के मुकाबले कहीं तेज रही है. जून में खाद्य महंगाई 2.12 फीसदी घटी, जबकि मई में इसमें 1.85 फीसदी की कमजोरी आई थी. जून में सब्जियों की महंगाई 16.5 फीसदी घटी. वहीं, प्रॉडक्ट्स इन्फ्लेशन में 21 फीसदी की गिरावट आई.
(न्यूज़18 से साभार)
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