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राम मंदिर मामला: SC की निगरानी में मध्यस्थता पैनल गठित, 8 हफ्तों में आएगी रिपोर्ट

मध्‍यस्‍थता बोर्ड के सदस्‍यों में श्रीश्री रविशंकर के साथ ही श्रीराम पंचू को भी शामिल किया गया है. मध्‍यस्‍थता बोर्ड के अध्‍यक्ष एम एफ कलिफुल्‍लाह होंगे.

Updated On: Mar 08, 2019 11:47 AM IST

FP Staff

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राम मंदिर मामला: SC की निगरानी में मध्यस्थता पैनल गठित, 8 हफ्तों में आएगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्‍या मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए मध्‍यस्‍थता के आदेश दे दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए पैनल गठित करने के आदेश दिए हैं. मध्‍यस्‍थों में तीन सदस्‍यों को शामिल किया गया है. मध्‍यस्‍थता बोर्ड के सदस्‍यों में श्रीश्री रविशंकर के साथ ही श्रीराम पंचू को भी शामिल किया गया है. मध्‍यस्‍थता बोर्ड के अध्‍यक्ष एम एफ कलिफुल्‍लाह होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले चार हफ्तों के अंदर मध्‍यस्‍थता का काम शुरू कर दिया जाए और अगले आठ हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा है कि इस फैसले को हम बहुत ही अच्छी तरीके से देख रहे हैं. ये स्वागत योग्य फैसला है, इससे बड़ी खुशी की क्या बात होगी कि हम लोग समझौता कर सकें. लोगों की इच्छा यही है कि जल्द से जल्द भगवान राम का मंदिर बने.

गौरतलब है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम सुझाने को कहा था. सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा है कि इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन होना चाहिए.

गौरतलब है कि अभी तक अयोध्या मामले में 90,000 पन्नों की गवाही इकट्ठी की गई है. ये 90,000 पन्नें अलग-अलग भाषाओं में हैं, जिसमें अरबी, संस्कृत, फ़ारसी जैसी भाषाओं में ये गवाही हैं. इसे इंग्लिश में ट्रांसलेट करके सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अगली सुनवाई में यह फैसला करेंगे कि इस मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाए या नहीं. सरकार ने रिट पिटीशन दायर कर विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन यथास्थिति हटाने की मांग की है. उन्होंने इसे रामजन्म भूमि न्यास को लौटाने को कहा है. सरकार ने कोर्ट से कहा है कि विवाद सिर्फ 0.313 एकड़ जमीन पर ही है. बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है, लिहाजा इस पर यथास्थिति बरकरार रखने की जरूरत नहीं है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन सहित 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाने को कहा था. लेकिन, केंद्र के इस स्टैंड के बाद अयोध्या में विवादित स्थल का मामला सिर्फ 0.313 एकड़ भूमि तक ही अटक कर रह गया है.

( साभार: न्यूज 18 )

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