बुधवार को देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि किसानों को खरीफ की फसल का डेढ़ गुना एमएसपी दिया जाएगा. किसानों को फसल की अब सही कीमत मिलेगी. साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि 2022 तक हम किसानों की आय दोगुनी कर देंगे. राजनाथ सिंह ने कैबिनेट के फैसले की यह जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते वक्त राजनाथ सिंह के साथ कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, कानून मंत्री और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिरमत कौर बादल भी थे.
हाल के दिनों में या यूं कहें कि पिछले कुछ वर्षों में कम ही ऐसे मौके आए होंगे जब राजनाथ सिंह ने अपने मंत्रालय से अलग किसी अन्य मंत्रालय के फैसलों की जानकारी कैबिनेट ब्रीफ में दी हो. बुधवार को अर्से बाद कैबिनेट के फैसले की जानकारी राजनाथ सिंह देने आए. अमूमन देखा जाता है कि जिस मंत्रालय का मामला होता है उसी मंत्रालय से संबंधित कैबनेट मंत्री या राज्य मंत्री या फिर सरकार के कुछ अन्य मंत्री कैबिनेट के फैसले की जानकारी देने आते हैं.
लेकिन, राजनाथ सिंह का किसानों के मसलों पर कैबिनेट के फैसले की जानकारी देने आना कुछ और ही इशारा कर रहा है. कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह मीडिया के सामने उतने सहज नहीं रहते हैं. मोदी सरकार में कम ही ऐसे अवसर आए होंगे जब राधामोहन सिंह ने कोई प्रेस ब्रीफिंग की हो.
नंबर 2 की हैसियत रखते हैं राजनाथ
मोदी सरकार में राजनाथ सिंह नंबर 2 की हैसियत रखते हैं. राजनाथ सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह अपने आपको किसान नेता कहलवाने में ज्यादा सहज महसूस करते हैं. अटल बिहारी वाजपयी सरकार में भी राजनाथ सिंह कृषि मंत्री रह चुके हैं. शायद यही वजह रही होगी कि राजनाथ सिंह को कैबिनेट ब्रीफिंग में भेजा गया.
खासकर मोदी सरकार ने शायद अब यह सोचना शुरू कर दिया है कि राजनाथ सिंह उत्तर भारत के काफी सशक्त नेता रहे हैं. ऐसे में उनकी उपयोगिता का फायदा साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को काफी जरूरत हो सकती है. इसलिए पिछले कुछ दिनों से राजनाथ सिंह काफी एक्टिव नजर आने लगे हैं.
बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि राजनाथ सिंह किसानों की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझते हैं. दूसरी तरफ ये भी मैसेज जाएगा कि किसानों की स्थिति को लेकर मोदी सरकार बेहद फिक्रमंद है इसलिए पीएम मोदी के बाद नंबर 2 की हैसियत रखने वाले नेता खुद सामने आकर किसानों के बारे में सरकार की बात रख रहे हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों को अपने पाले में लाने की जद्दोहद शुरू कर दी है. खासकर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में राजनाथ सिंह के जरिए बीजेपी किसानों के बीच पैठ बनाने की कोशिश में लग गई है. बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में भी राजनाथ सिंह का प्रभाव रहा है.
ऐसा भी कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में मोदी सरकार किसानों को एक से बढ़ कर एक तोहफा देने जा रही है. कैबिनेट ने खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुने की वृद्धि का फैसला इस नजरिए से लिया है.
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को उनकी लागत से 50 फीसदी ज्यादा एमएसपी मिलेगी. सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 200 रुपए प्रति क्विंटल इजाफा कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं. सरकार के इस फैसले से देश के लगभग 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने वाला है. जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार कई और मास्टर स्ट्रोक दागने वाली है.
राजनाथ सिंह ने बुधवार को जिस अंदाज में मीडिया के मुखातिब हुए उससे कुछ मीडियाकर्मी भी हैरान रहे. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान हंसी और ठहाके भी लगे. शायद अर्से बाद कैबिनेट ब्रीफ में इस तरह का माहौल देखा गया. राजनाथ सिंह ने कहा कि जैसा कि हमने बजट भाषण में कहा था, उसे अब लागू कर दिया. राजनाथ सिंह ने किसानों के प्रति अपने लगाव को भी बीच-बीच में दर्शाते रहे. राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं भी किसान हूं, हमारे कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी किसान हैं. हरसिरमत कौर भी किसान हैं.
राजनाथ सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में मौजूद एक और कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा कि आप भी किसान हैं? इस पर रविशंकर प्रसाद ने मुस्कुरा कर कहा कि मैं किसान तो नहीं हूं पर किसानी जानता हूं. राजनाथ सिंह के इस सवाल और रविशंकर प्रसाद के जवाब पर ब्रीफिंग रूम में मौजूद पत्रकारों और मंत्रियों के ठहाके गूंजने लगे.
यूपी में सीएम रहते किसानों के लिए किया था बेहतर काम
ऐसा कहा जाता है कि राजनाथ सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री रहते किसानों के लिए बढ़िया काम किया था. किसानों से जुड़े मुद्दों को राजनाथ सिंह बेहतर तरीके से जानते हैं. मामला भले ही किसान से जुड़ा हुआ हो लेकिन पिछले कुछ दिनों में राजनाथ सिंह मोदी सरकार में काफी सक्रिय देखे जा रहे हैं.
राजनीति के कुछ जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार में पहली बार राजनाथ सिंह की अपनी पुरानी वाली छवि में लौटते दिख रहे हैं. राजनाथ सिंह शायद पहले मंत्री थे, जिन्होंने सुषमा स्वराज को ट्रोल किए जाने पर उनके समर्थन में बयान दिया. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी की सरकार गिरने से पहले और गिरने के बाद राजनाथ सिंह का जम्मू-कश्मीर का दौरा करना इसका ताजा उदाहरण है.
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