चौतरफा हमले से घिरी वसुंधरा राजे नीत भाजपा सरकार आपराधिक कानून विधेयक पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार हो गई है. सोमवार शाम राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने विधेयक को फिर से कैबिनेट के पास भेजने की संभावना जताई. इससे पहले राजे सरकार ने आपराधिक कानून (राजस्थान संशोधन) विधेयक को विधानसभा में पेश किया था.
सरकार ने यह अध्यादेश कोई एक महीने पहले जारी किया था. मगर अब ये जमीन पर उतरा है. इसे विधानसभा में पेश कर कानून की शक्ल दी गई है. सोमवार को बिल पेश होते ही विपक्षी दल कांग्रेस ने इसका जोर-शोर से विरोध किया फिर सदन में हंगामा किया और विधान सभा से वॉक आउट कर लिया. इसके बाद हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी.
बीजेपी के भीतर उठे विरोध के स्वर
इस विवादित बिल को लेकर प्रदेश सरकार को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी सरकार के बिल का विपक्ष ही नहीं बल्कि उसकी पार्टी के नेता भी विरोध कर रहे हैं. राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस ने बिल के खिलाफ जमकर हंगामा किया. वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि वो विधायक दल की बैठक में बिल का विरोध करेंगे.
दरअसल इस बिल का इसलिए विरोध हो रहा है क्योंकि इससे नेताओं और अफसरों के खिलाफ आसानी से कार्यवाही नहीं हो पाएगी और ये उन्हें बचाने का ही काम करेगा. विवादित बिल को जयपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. सोमवार को हाईकोर्ट में एक वकील ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है.
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी पार्टी की राजे सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की. उन्होंने कहा कि ये आपातकाल की तरह है. मैं इसका विरोध करता हूं.
पूर्व मंत्री तिवाड़ी ने गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया को लिखे पत्र में कहा था, इस पत्र को आप मेरी ओर से एक राजनीतिक प्रतिरोध के रूप में लें. इस पत्र के माध्यम से मेरा सबसे प्रमुख प्रतिरोध उस बिल से है, जिसे गृहमंत्री के रूप में आप अगले कुछ दिनों में विधानसभा में प्रस्तुत करने वाले हैं. आप एक ऐसा कानून बनाने वाले हैं, जो राजस्थान को खुले आम लूटने वाले मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारियों की लूट को कवच और कुंडल पहना देगा.
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