राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और संभावित मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी की राजनीति पर जमकर हमला बोला है. पायलट ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें धर्म और राजनीति का घालमेल कर रही हैं.
मंगलावर को सचिन पायलट ने बीजेपी की सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि बीते साढ़े चार साल में कौन क्या खा रहा है और किसकी पूजा कर रहा है, यह ज्यादा अहम हो गया है.
सरकार का काम मंदिर-मस्जिद बनवाना नहीं
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट ने ये भी कहा कि सरकारों को धर्म को एक तरफ रखकर राजनीति करनी चाहिए. सरकार का काम मंदिर-मस्जिद बनवाना नहीं है.
पायलट ने कहा कि 'मैं यह नहीं मानता कि राजनीतिक दलों या सरकारों का काम चर्च, गुरुद्वारा और मंदिर बनाना है. उन्हें धर्म को एक ओर रखकर राजनीति करनी चाहिए, लेकिन जब सबकुछ फेल हो जाता है, जब GST, नोटबंदी, स्टैंड अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इंडया फेल हो जाए और बेरोजगारी हो और किसानों में गुस्सा हो तो उनके पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं होता. इसके बाद वह मंदिर, मस्जिद और बाकी चीजों की बात करने लगते हैं.'
हिंदू-मुस्लिम उम्मीदवार के समीकरणों पर उठ रहे सवाल के बीच उनसे टोंक में कांग्रेस की ओर से मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करने पर भी सवाल पूछा गया, जिस पर पायलट ने कहा, 'पीने के पानी, सड़कों और उद्योगों को मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए न कि धर्म के नाम पर बीजेपी के साथ दिक्कत यह है कि उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार हर मुद्दे पर फेल रही है. ऐसे में उनके पास आखिरी मुद्दा, मंदिर, मस्जिद, जाति और भाषा ही बचता है. लोग धर्म पर नहीं मुद्दों पर चुनाव लड़ते हैं.'
जनता धर्म के नाम पर नहीं, विकास के नाम पर वोट देती है
अचानक से हवा में राम मंदिर का मुद्दा उछलने पर पायलट ने हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि 'उन्हें यह हैरान करता है कि चुनाव के दस दिन पहले लोग धर्म के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं. बीजेपी के पास किसानों की आत्महत्या, मॉब लिंचिंग, जातिगत हिंसा और बलात्कारों की बढ़ती संख्या पर कोई जवाब नहीं है और सात दिसंबर को लोग इन मुद्दों पर वोट देंगे और बीजेपी के बहकावे में नहीं आएंगे.'
पायलट ने राज्य में हुई मॉब लिचिंग की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती तो ऐसी घटनाओं पर शुरुआत में ही रोक लग जाती. अगले महीने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत को लेकर आश्वस्त पायलट का मानना है कि यह चुनाव साल 2019 के लिए रास्ता तैयार करेगा.
वसुंधरा और शाह के बीच दरार
पायलट ने अपने और अशोक गहलोत के बीच अप्रत्यक्ष लड़ाई की खबरों को भी खारिज किया और बीच में वसुंधरा और अमित शाह को ले आए. उन्होंने कहा कि असली लड़ाई, वसुंधरा राजे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच है. 75 दिनों तक राज्य की बीजेपी इकाई का कोई अध्यक्ष नहीं था क्योंकि दोनों अपने मनपसंद शख्स को टॉप पर बिठाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि बीजेपी की केंद्रीय इकाई और राजे के बीच दरार है.
पायलट ने आगे कहा कि 'बीजेपी चाहे जितना प्रोपेगैंडा फैला ले वह जनता को बेवकूफ नहीं बना सकती. कांग्रेस ने वास्तव में एक टीम की तरह काम किया और इसी वजह से हमारे पास मजबूत प्रत्याशी हैं.'
दिलचस्प है कि जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता अपनाया जा रहा है और कुछ नेताओं की ओर से राम मंदिर को लेकर बयान भी आ चुके हैं, ऐसे में पिछले कुछ वक्त में ऐसा पहली बार है, जब किसी बड़े कांग्रेस नेता ने ऐसा बयान दिया हो.
खैर, सबकी नजर फिलहाल राजस्थान चुनाव पर टिकी है. और साथ ही उससे भी बड़ा सवाल ये है कि अगर कांग्रेस यहां सत्ता में आती है, तो सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.