कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी ने राजस्थान में एक चुनावी रैली के दौरान विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उमा भारती और साध्वी ऋतम्भरा की जाति-धर्म पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा है. एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीपी जोशी ने कहा है कि उमा भारती लोधी समाज की हैं, तो वो हिंदू धर्म की बात क्यों कर रही हैं. इसी तरह से पीएम मोदी की जाति के बारे में बताते हुए वो कह रहे हैं कि इन्हें हिंदू धर्म के बारे में बोलने का क्या हक है? जोशी अपने बयानों में ये कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हिंदू धर्म के बारे में बोलने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मणों को है. और इनके इसी बयान पर अब विवाद मचा है.
बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में वे इन नेताओं की जाति का जिक्र करते हुए हिंदू धर्म और राम मंदिर की बात कर रहे हैं.
वीडियो के सामने आने के बाद से बीजेपी, कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. पार्टी ने इस वीडियो को मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजकर आरोप लगाया कि जोशी जातिगत वैमनस्य फैला रहे हैं. वहीं सीपी जोशी ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए जवाब देते हुए कहा कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई है, जो निंदनीय है. जोशी ने अपने भाषण का पूरा हिस्सा सोशल साइट पर पोस्ट किया है.
राजसमंद जिले की नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सीपी जोशी एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं, 'उमा भारती जी की जाति मालूम है किसी को? ऋतम्भरा की जाति मालूम है किसी को क्या? इस देश में धर्म के बारे में कोई जानता है तो वो विद्वान/पंडित/ब्राह्मण जानते हैं. अजीब देश हो गया. इस देश में उमा भारती लोधी समाज की हैं, वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं. साध्वी जी किस धर्म की हैं? वह हिंदू धर्म की बात कर रही हैं. नरेंद्र मोदी जी किसी धर्म के हैं, हिंदू धर्म की बात कर रहे हैं. 50 साल में इनकी अक्ल बाहर निकल गई.'
सीपी जोशी ने अपने बयान को लेकर सफाई तो जारी कर दी है. लेकिन उन्होंने जो वीडियो जारी किया है, उसमें भी वो यही सब बोलते दिख रहे हैं. अंतर सिर्फ इतना है कि सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल है, वो उनके भाषण का छोटा हिस्सा है और जोशी ने जो वीडियो फेसबुक पर शेयर किया है वो उनके भाषण का एक बड़ा हिस्सा है. लेकिन इस वीडियो में भी वो यही कहते दिख रहे हैं कि देश में हिंदू धर्म की बात करने का अधिकार पंडितों, ब्राह्मणों को है.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीपी जोशी के बयान को कांग्रेस के आदर्शों के विपरीत करार दिया है. राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है. पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुख पहुंचे.
सी पी जोशी जी का बयान कांग्रेस पार्टी के आदर्शों के विपरीत है। पार्टी के नेता ऐसा कोई बयान न दें जिससे समाज के किसी भी वर्ग को दुःख पहुँचे।
कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशीजी को जरूर गलती का अहसास होगा। उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 23, 2018
राहुल ने लिखा, कांग्रेस के सिद्धांतों, कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हुए जोशी जी को जरूर गलती का अहसास होगा. उन्हें अपने बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए.
कांग्रेस के सिद्धांतो एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुँची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूँ ।
— Dr. C.P. Joshi (@drcpjoshi) November 23, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष के ट्वीट के बाद सीपी जोशी ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कांग्रेस के सिद्धांतों एवं कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मेरे कथन से समाज के किसी वर्ग को ठेस पहुंची हो तो मैं उसके लिए खेद प्रकट करता हूं.
इससे पहले भी सीपी जोशी ने बुधवार को राम मंदिर पर एक बयान दिया था. सीपी जोशी ने कहा था कि राम मंदिर का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. बीजेपी राम मंदिर का निर्माण नहीं करा सकती है. राम मंदिर कांग्रेस ही बनवाएगी. कांग्रेस का प्रधानमंत्री ही राम मंदिर बनवाएगा. वर्ष 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उस विवादित परिसर का ताला खुलवाया था, जहां आज राम मंदिर स्थित है.
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