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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और राहुल का अंदाज, कांग्रेस के चुनाव प्रचार का आगाज हो चुका है!

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने जिस अंदाज में भाषण दिया और मुद्दों को उठाया उससे लग रहा है कि कांग्रेस के लिए उन्होंने 2019 आम चुनाव का प्रचार शुरू कर दिया है

Updated On: Jul 21, 2018 12:17 AM IST

Syed Mojiz Imam
स्वतंत्र पत्रकार

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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और राहुल का अंदाज, कांग्रेस के चुनाव प्रचार का आगाज हो चुका है!

ये खामोश मिज़ाजी मुझे जीने नहीं देगी, इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो.

ये शेर अक्सर चुनाव के दौरान सुनने को मिलता रहता है. हिंदुस्तान के ज्यादातर लोगों ने इसको सुना होगा. राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान यही कोहराम मचाने की कोशिश की है. जिस तरह सरकार पर राहुल गांधी ने हमला किया उससे संसद के बाहर और भीतर हलचल पैदा हो गई है. अविश्वास प्रस्ताव बड़ा मौका होता है. जहां सरकार को घेरने का मौका मिलता है.

विपक्ष के नेता की हैसियत से राहुल गांधी ने इसका फायदा उठाया है. सरकार पर राहुल गांधी ने जबरदस्त हमला किया है. राहुल गांधी ने उन सभी मुद्दो पर सरकार को घेरा है, जिससे सरकार की पेशानी पर बल पड़ सकता है. महिला सुरक्षा से लेकर भ्रष्टाचार तक, राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने में कामयाब हो गए हैं. राहुल ने कहा कि उनकी बात में सच्चाई है इसलिए प्रधानमंत्री नजरे मिलाने से बच रहें हैं.

हिंदू होने का मतलब

राहुल गांधी की पिछले हफ्ते मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात हुई थी. जिसके बाद विवाद हो गया था. कहा गया कि राहुल ने कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी बताया है. हालांकि कांग्रेस ने इसको सिरे से खारिज किया था. राहुल गांधी ने संसद के मंच से अपने को बड़े तरीके से हिंदू कहा, जिससे इस विवाद का अंत हो जाए. लेकिन राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और हिंदू धर्म दोनों प्यार करना सिखाता है, नफरत करना नहीं.

वो यही नहीं रुके प्रधानमंत्री के गले भी लग गए, ये जताने के लिए कि राजनीतिक प्रतिद्वंदी होने के बाद उनके दिल में कोई गिला नहीं है. वरिष्ठ पत्रकार राजेश सुंदरम का कहना है कि राहुल गांधी ने खुद कहा कि उनको पप्पू कहो या कुछ और लेकिन उनके दिल में नफरत नहीं है. हिंदू होने का मतलब सहिष्णु होना होता है, न कि नफरत फैलाना.

Monsoon session of Parliament

राहुल गांधी ने कहा कि लॉबी में उनको लोग बधाई दे रहे थे. जिसके मायने है कि बीजेपी के भीतर सरकार के खिलाफ माहौल है. वो इस फीलिंग को जोड़ना चाहते है. यानी बीजेपी के लोगों को भी कांग्रेस में आने का खुला निमंत्रण भी दिया है.

2019 के प्रचार का आगाज

ऐसा लग रहा है कि प्रधानमंत्री के भाषण से पहले राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार का आगाज़ कर दिया है. अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल गांधी ने किन मुद्दों पर कांग्रेस चुनाव में जाएगी उसका नमूना पेश कर दिया है. बीजेपी को घेरने के लिए किसानों का मुद्दा अहम है, नोटबंदी और रोजगार का मसला भी बड़ा है. इसके अलावा रक्षा सौदों में हुए कथित भ्रष्टाचार को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी.

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वरिष्ठ पत्रकार अजित द्विवेदी का कहना है कि राहुल गांधी ने कोई नई बात नहीं की है. लेकिन जो कहा है वो जोरदार तरीके से कहा है. संसद के भीतर कहा है. इसलिए इसका असर व्यापक होगा, क्योंकि पूरे देश की निगाह राहुल गांधी पर थी. जो उम्मीद बीजेपी ने नरेंद्र मोदी से की थी कि वो चुनाव का स्टेज सेट करेंगें लेकिन बाजी राहुल ने मार ली है.

मोदी और निर्मला सीतारमन निशाने पर

राहुल गांधी के निशाने पर रक्षा मंत्री थी. राफेल डील पर मोदी सरकार को बार-बार कठघरे में खड़ा किया है. राहुल गांधी ने ये मेसैज देने की कोशिश की है कि वर्तमान सरकार में भ्रष्टाचार चल रहा है. हालांकि जो सवाल राहुल गांधी ने उठाया उसका जवाब निर्मला सीतारमन ने दे दिया है.

नहीं लिया मुसलमानों का नाम

राहुल गांधी ने अपने भाषण में मॉब लिंचिंग का जिक्र किया है. प्रधानमंत्री से सवाल भी किया है. लेकिन मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल करने से बचते रहें. मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल करते ही बीजेपी को मौका मिल जाता. जिस तरह प्रधानमंत्री ने आजमगढ़ में कांग्रेस को बैकफुट पर किया था. वैसा कोई मुद्दा बीजेपी के हाथ न लग पाए, राहुल गांधी ने इसका खास ख्याल रखा. ये बात मुस्लिम तपके को भी पता है कि ऐसा कोई मुद्दा उठाते ही बीजेपी उसको राजनीतिक मुद्दे में तब्दील कर देगी.

rahul gandhi

जामिया नगर से कांग्रेस के नेता परवेज़ आलम खान का कहना है कि ये मौका नहीं था कि मुसलमानों के बारे में चर्चा की जानी चाहिए. बल्कि मोदी सरकार की नाकामियां गिनाने का वक्त था. कांग्रेस सेक्युलर पार्टी है. इसको बार- बार बताने की जरूरत नहीं है. मुसलमान भी ये समझ रहा है.

अपने आलोचकों को जवाब

कांग्रेस कार्यसमिति के गठन को लेकर राहुल गांधी की आलोचना हो रही थी. लेकिन अपने तीखे अंदाज के जरिए राहुल ने पार्टी के अंदर और बाहर अपने आलेचकों को जवाब दिया है. राहुल के भाषण के दौरान कार्यसमिति से बाहर गए दिग्विजय सिंह ट्वीट करते रहे. अपने ट्वीट के जरिए रक्षा मंत्री के ऊपर आरोप लगाया कि वो संसद को सही बात नहीं बता रहीं हैं. सिक्रेसी क्लॉज पैसा बताने से संबंधित नहीं है.

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राहुल का पीएम को गले लगाना

राहुल गांधी का पीएम को गले लगाना संसदीय इतिहास में पहली बार देखा गया है. बहुत लोगों को अच्छा लगा, बहुत को नागवार. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने इसे बचकाना कहा है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शेर से जवाब दिया है.

हमने दुनिया में मुहब्बत का असर ज़िंदा किया है, विरोधी के गले मिल-मिल कर शर्मिंदा किया है.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी को गले लगना पसंद नहीं है बल्कि गाली देना पसंदद है. तो आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया मेरे दोस्त शानदार....

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