कांग्रेस की जन आक्रोश रैली में राहुल गांधी ने भाषण का आगाज अपने तीखे तेवर के साथ शुरू किया. भाषण खत्म होने के बाद राहुल गांधी अचानक पलटे और कहा कि पिछले हफ्ते उनका जहाज हादसे से बच गया है. इसलिए कर्नाटक चुनाव के बाद वो छुट्टी ले रहें हैं. छुट्टी कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए ली जा रही है. कैलाश मानसरोवर की यात्रा के जरिए राहुल गांधी कई पैग़ाम देना चाहते है.एक तो बीजेपी के हिंदुत्व के कार्ड का जवाब है. दूसरे गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस की तरफ से कहा गया था कि राहुल गांधी सच्चे शिवभक्त है. एक शिवभक्त के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे प्रमुख यात्रा मानी जाती है.
यानि राहुल गांधी ये जताना चाहते है कि विमान हादसे के वक्त वो शिव भगवान को याद कर रहे थे. अब उनका धन्यवाद करने के लिए जा रहें हैं. जाहिर है कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के इस ऐलान से खुश है. अमेठी से एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि 'राहुल गांधी का ये बहुत ही अच्छा फैसला है, जो लोग राहुल गांधी के बारे में तरह-तरह की बात करते है ये यात्रा उनके लिए जवाब है.' बीजेपी लगातार कांग्रेस के ऊपर अल्पसंख्यकवाद का आरोप लगाती रही है. इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी इस आरोप का भी जवाब देना चाहते है.
कांग्रेस अध्यक्ष का गुजरात चुनाव से शुरू हुआ सॉफ्ट हिंदुत्व जारी है. कांग्रेस बीजेपी को मात देने के लिए बीजेपी ब्रांड के हिंदुत्व का विरोध भी करती रहेगी. बहुसंख्यक कांग्रेस से नाराज न हो इसके लिए राहुल गांधी मंदिर की परिक्रमा करते रहेंगें. कैलाश मानसरोवर यात्रा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी यात्रा है. इस यात्रा से राहुल गाधी मीडिया की सुर्खियां भी बटोरने में कामयाब हो सकते है. मोदी सरकार जब अपने चार साल पूरे कर रही होगी तो राहुल गांधी अध्यात्मिक यात्रा पर रहेंगें. राहुल गांधी के दो पहलू भी लोगों के सामने आएगा, एक तो नेता दूसरे अध्यात्मिक राहुल गांधी. कांग्रेस को इससे पार्टी की इमेज बदलने में कामयाबी मिल सकती है.
कैलाश मानसरोवर की यात्रा का महत्व
हिंदू धर्म मे कैलाश मानसरोवर की यात्रा का काफी महत्व है. कैलाश पर्वत शिव भगवान के रहने की जगह मानी जाती है. वहीं मानसरोवर के बारे मे कहा जाता है कि पहले ये ब्रह्मा के मष्तिष्क में बनी थी, बाद मे इसे धरती पर बनाया गया है. इसका पानी पवित्र माना जाता है. इसके पीने से और यहां नहाने से कहा जाता है कि सारे पाप धुल जाते हैं. इसकी यात्रा काफी कठिन है. जिसकों सनातन धर्म के अनुनायी जीवन में एकबार करने की इच्छा रखते हैं. मानसरोवर का बॉन बौद्ध और जैन धर्म में भी महत्वपूर्ण स्थान है.
कांग्रेस इमेज में बदलाव का मकसद
2019 से पहले राहुल गांधी कांग्रेस को ऐसी पार्टी के तौर पर खड़ा करना चाहते है. जिस पर हिंदू विरोधी होने का कलंक ना हो जैसा की बीजेपी कहती रही है. कांग्रेस के नेता 2014 की हार से सबक भी ले रहें है. जिसमें बीजेपी ने हिंदुत्व का कार्ड खेला और कांग्रेस चित्त हो गई. इसलिए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी लगातार मंदिर और मठों मे जा रहें है. गुजरात चुनाव के दौरान 27 मंदिर के दर्शन राहुल गंधी ने किया.
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कर्नाटक में सभी महत्वपूर्ण मंदिर के दर्शन पर राहुल गांधी जा रहें है. आम चुनाव के बाद राहुल गांधी केदार नाथ यात्रा पर भी गए थे. लेकिन इस सब के बीच राहुल गांधी कांग्रेस को सभी की पार्टी बनाने की जद्दोजहद में है. जिसमे सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों को बराबर स्थान मिलता रहे. यही वजह है कि राहुल गांधी ने कहा कि यहां सभी तरह के राय का सम्मान किया जा रहा है. चाहे वो किसी भी तरह की राय हो. इसलिए राहुल गांधी का अंदाज़ भी बदला नजर आ रहा था.
राहुल के बदले तेवर
राहुल गांधी की अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में पहली रैली थी. जिसमें राहुल गांधी के तेवर काफी तीखे थे. मोदी सरकार पर राहुल गांधी ने करप्शन से लेकर जातीय हिंसा तक के आरोप भी लगाए. राहुल गांधी का अंदाज काफी अक्रामक था. जिससे पार्टी के वर्करों में भी उत्साह है. बहरहाल मोदी की तुलना में राहुल गांधी में करिश्मा भले ही ना हो. लेकिन राहुल गांधी ने नये तरीके से बोलना सीख लिया है. खासकर कड़े तेवर और जनता से संवाद करने की कला भी धीरे ही सही आ रही है.
राहुल गांधी के इस तेवर से कांग्रेस के नेता प्रसन्न है, राहुल गांधी के करीबी जितिन प्रसाद का कहना है कि 'बीजेपी के लिए राहुल गांधी के इस तेवर का जवाब देना मुश्किल होगा, क्योकि राहुल गांधी ने वहीं मुद्दे उठाए है. जिसका जवाब बीजेपी के पास नहीं है. बीजेपी करप्शन के खिलाफ काम करने की बात करती रही और येदुरप्पा कर्नाटक में उनके सीएम उम्मीदवार है.' हालांकि राहुल गांधी पार्टी के नेताओ के बायनों से परेशान दिखाई दिए और राजनीतिक नफा नुकसान का आकलन भी कर रहें हैं.
सलमान खुर्शीद के जरिए नसीहत
इसलिए सलमान खुर्शीद का जिक्र जरूरी हो गया है. राहुल गांधी ने कहा कि सलमान खुर्शीद के राय का सम्मान करते है. लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं को नसीहत भी दे डाली कि पार्टी बड़ी लडाई लड़ रही है. इसलिए सोच समझकर नेता अपनी बात रखे. जाहिर है कि सलमान खुर्शीद के जरिए राहुल गांधी ने सभी नेताओं को आगाह किया है. कांग्रेस मे अब बिना वजह की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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हालांकि कांग्रेस मे राय रखने की आजादी रहेगी. राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा कोई बीजेपी में नहीं कर सकता है. क्योंकि बीजेपी कांग्रेस की तरह लोकतांत्रिक पार्टी है. लेकिन सलमान सरीखे सीनियर नेताओं को राहुल गांधी ने मैसेज भी दिया है. पार्टी के भीतर उनका सम्मान बचा रहेगा. उनके राय को अहमियत दी जाएगी. लेकिन ऐसा ना बोले जिससे पार्टी को नुकसान उठाना पड़े.
क्यों आए राहुल के निशाने पर सलमान
सलमान खुर्शीद ने कुछ दिन पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कहा था कि कांग्रेस के दामन में मुसलमानों के खून के धब्बे है. जिससे पार्टी ने किनारा कशी अख्तियार कर लिया था. लेकिन बीजेपी ने इसको तूल देकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया था. बीजेपी ने कांग्रेस पर कई तरह के आरोप भी लगाए. बीजेपी ने भागलपुर मुरादाबाद और मलियाना कांड का नाम लेकर कहा कि इन सब दंगों में कांग्रेस के शासनकाल में हुए थे. इससे पहले चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का सलमान खुर्शीद ने खुलकर विरोध किया था. जिससे पार्टी के नेता नाराज चल रहे थे.
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं मे उत्साह
राहुल गांधी के भाषण के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं मे काफी उत्साह था. राहुल गांधी ने जिस तरह मोदी सरकार के ऊपर आरोपों की झड़ी लगाई, उसे कार्यकर्ता भी पंसद कर रहे थे. राहुल ने येदुरप्पा, नीरव मोदी और पीयूष गोयल के ऊपर करप्शन का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने आने वाले चुनाव में कांग्रेस की जीत की बात कही और कहा कि 2019 में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है. जिससे कार्यकर्ताओं में जोश दिखाई पड़ा है. जिसको बकायदा भीड़ ने नारेबाज़ी के ज़रिए अपना समर्थन भी दिया.
ज्यादातर भीड़ हरियाणा की दिखाई दे रही थी. जहां कांग्रेस विपक्ष में है,लेकिन राहुल गांधी के समर्थन में लग रहे नारों के बीच एक स्वर-जय राहुल जय तंवर भी चल रहा था. भीड़ में कार्यकर्ता अपने नेता को भी खुश करनें मे लगे रहे.
अशोक तंवर हरियाणा के अध्यक्ष है ۔उनका कहना था कि 'सभी कार्यकर्ता राहुल गांधी के सिपाही हैं. कांग्रेस को मजबूत करने के लिए वो भी सिपाही की तरह खड़े हैं.' हालांकि अभी कर्नाटक के चुनाव होने बाकी है. इस साल की शुरूआत में हुए चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी ने बुरी तरह हराया था. राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में चुनाव है.
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