कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की आज यानी रविवार को दिल्ली में पहली बैठक हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बैठक को संबोधित करेंगे.
राहुल गांधी की कमान में कार्यकारिणी को एक नया रूप दिया गया है. इस बैठक में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं.
Delhi: Congress Working Committee (CWC) meeting chaired by Rahul Gandhi underway at Parliament Annexe. pic.twitter.com/EpYVCKGXgK
— ANI (@ANI) July 22, 2018
कांग्रेस पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की भूमिका रेखांकित करते हुए पार्टी को देश की आवाज बताया. साथ ही वर्तमान और भविष्य की जवाबदेही के प्रति भी आगाह किया. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भारत के दबे-कुचले और शोषितों के लिए काम करने की अपील की.
Sh. Rahul Gandhi reminds qua the role of Congress as the voice of India as also its responsibility of present and future, as BJP attacks institutions, dalits, tribals, backwards, minorities & poor.#CWC
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 22, 2018
सुरजेवाला के मुताबिक, राहुल गांधी ने नई कार्यकारिणी को अनुभव और ऊर्जा से भरी ऐसी संस्था बताया जो भूत, वर्तमान और भविष्य को एक साथ जोड़ने का काम करेगी.
Sh. Rahul Gandhi calls the newly constituted CWC as an institution comprising of experience & energy, as a bridge between the past, present and the future. Calls upon Congressmen/women to rise and fight for India’s oppressed.#CWC
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 22, 2018
बीते मार्च महीने में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का महाधिवेशन हुआ था जिसमें राहुल गांधी को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुना गया था. उसके चार महीने बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने हिसाब से सीडब्लूसी को एक नया रूप दिया. रविवार को इसकी बैठक हो रही है जिसमें राहुल गांधी भावी आम चुनावों की दशा-दिशा तय करेंगे.
सीडब्लूसी के 51 सदस्यों में 18 स्थायी और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. इस बैठक में प्रदेश यूनिट के अध्यक्षों और विधान परिषद नेताओं के साथ-साथ एआईसीसी के महासचिव, संयुक्त सचिव, विभागीय-सेल अध्यक्ष, कांग्रेस संसदीय दल के पदाधिकारी और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भाग ले रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कार्यसमिति में कई ऐसे नेताओं को जगह नहीं मिली है, जो सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते हुए इस समिति के प्रमुख सदस्य हुआ करते थे. जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, कर्ण सिंह, मोहसिना किदवई, ऑस्कर फर्नांडीस, मोहन प्रकाश और सीपी जोशी जैसे नेताओं का नाम इस नई समिति से नदारद है.
सीडब्ल्यूसी के सदस्यों में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी और ओमन चांडी को जगह दी गई है.
यह बैठक अविश्वास प्रस्ताव के दो दिन बाद आयोजित की जा रही है. 20 जुलाई को सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के दौरान पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा था.
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Jul 22, 2018
नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की रविवार को बैठक हुई. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबके निशाने पर रहे. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पीएम के जुमलों को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि पीएम का दावा है कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे. इसके लिए एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ 14 फीसदी होनी चाहिए जो कहीं नजर नहीं आता.
पार्टी प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, बैठक में कृषि, युवा, आर्थिकी, आंतरिक सुरक्षा, एससी/एसटी/बीसी, महिला और संस्थाओं की अखंडता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई.
पार्टी के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी और दिग्विजय सिंह सीडब्लूसी की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों का नाम कार्यसमिति से हटा दिया है.
सीडब्लूसी की बैठक में पार्टी नेता सचिन पायलट, शक्ति सिंह गोहिल और रमेश चेन्नीतला ने कहा कि हमें गठबंधन जरूर करना चाहिए लेकिन गठबंधन के केंद्र में कांग्रेस को ही रहना होगा. साथ ही गठबंधन का चेहरा राहुल गांधी को ही बनाया जाना चाहिए.
बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि गठबंधन इस बात पर निर्भर करेगा कि राष्ट्रीय नेतृत्व हमें कहां ले जाता है. वह जहां ले जाएगा हम जाएंगे. लोग अब कांग्रेस में भरोसा जता रहे हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, चिदंबरम ने बैठक में कहा कि कांग्रेस पार्टी 12 प्रदेशों में मजबूत थी. हम अपनी सीटें 150 तक बढ़ा सकते हैं. कई राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन काफी अहम रहेगा.
सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की संगठनात्मक और वित्तीय शक्ति से लोहा लेने के लिए समूचे विपक्ष को एकजुट होने का आह्वान किया.
राहुल गांधी ने पिछले दिनों 51 सदस्यीय कार्य समिति का गठन किया था जिसमें 23 सदस्य, 18 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं.
पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस की कमान संभालने वाले गांधी ने नई कार्य समिति में अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है.
बैठक में मनमोहन सिंह ने कहा, हम राहुल गांधी को आश्वस्त करते हैं कि भारत की सामाजिक समरसता और आर्थिक विकास को पुनः पटरी पर लाने के लिए पार्टी उनका पूरा समर्थन करेगी.
पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, हम गठबंधन को कारगर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस प्रयास में हम सभी उनके (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी) साथ हैं. हमें अपने लोगों को इस खतरनाक सरकार से बचाना है.
बैठक में सोनिया गांधी ने देश के गरीबों और वंचितों में निराशा और डर की भावना को लेकर आगाह किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के भाषणों में साफ झलक रहा है कि मौजूदा सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है.
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया, डॉ. मनमोहन सिंह ने विकास की कोई ठोस नीति बनाने के बजाय पीएम मोदी के जुमले और खुद की तारीफ वाली रणनीति को सिरे से खारिज कर दिया.