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Punjab Budget: पेट्रोल-डीजल की कीमत हुई कम, नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं

बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण और शहरी ढांचागत सुविधाओं पर जोर दिया गया है. इन क्षेत्रों के लिए बजट आबंटन में 9 से लेकर 36 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है

Updated On: Feb 18, 2019 03:47 PM IST

FP Staff

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Punjab Budget: पेट्रोल-डीजल की कीमत हुई कम, नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सोमवार को राज्य के फिस्कल ईयर 2019-20 के लिए कुल 1,58,493 करोड़ रुपए का बजट पेश किया. बजट में नए फिस्कल ईयर के दौरान किसी भी नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया गया है.

इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण और शहरी ढांचागत सुविधाओं पर जोर दिया गया है. इन क्षेत्रों के लिए बजट आबंटन में 9 से लेकर 36 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है.

राज्य पर 2019- 20 के दौरान कुल बकाया कर्ज 2,29,612 करोड़ रुपए तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया गया है जो कि 2018-19 के संशोधित अनुमान में 2,12,276 करोड़ रुपए रहा है. वित्त मंत्री ने बढ़ते कर्ज के लिए पूर्व की अकाली दल-बीजेपी सरकार के राजकोषीय मामलों में गैर-जिम्मेदाराना रवैये को जिम्मेदार ठहराया.

बजट में अनुमान लगाया गया है कि फिस्कल ईयर 2019-20 में राजस्व घाटा 11,687 करोड़ रुपए रह सकता है. यह राज्य के जीडीपी का 2.02 फीसदी है. वहीं राजकोषीय घाटा 19,658 करोड़ रुपए रह सकता है जो राज्य के जीडीपी का 3.40 फीसदी रह सकता है.

पेट्रोल-डीजल की कीमत हुई कम

इसके साथ ही बजट में पेट्रोल डीजल की कीमतों में भी कमी की गई है. बजट पेश करने के दौरान मनप्रीत सिंह बादल ने पेट्रोल की कीमत 5 रुपए प्रति लीटर डीजल की कीमत एक रुपए प्रति लीटर कम करने का ऐलान किया.

बादल ने कहा कि बजट में राज्य में वस्तुओं के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई नीति ‘मेक इन पंजाब’ का मसौदा तैयार किया गया है. जालंधर में अत्याधुनिक खेल परिसर स्थापित किया जाएगा. वहीं बरनाला और मनसा में ‘ओल्ड एज होम’ बनाए जाएंगे.

किसानो की कर्ज माफी के लिए 3000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव

किसानों के कर्ज माफी के लिए बादल ने 3,000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार योजना के अगले चरण के क्रियान्वयन में भूमिहीन किसानों और उन किसान परिवार के कर्ज माफ करेगी जिन्होंने मजबूरन खुदकुशी की.’

वित्त मंत्री ने बजट में किसी नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया और उम्मीद जताई कि टैक्स अनुपालन और प्रशासन में सुधार से व्यय और आय के बीच अंतर कम होगा.

(भाषा से इनपुट)

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