कांग्रेसी नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का बचाव करने से पंजाब सरकार ने इनकार कर दिया है. उसने कोर्ट में कहा कि उनके मंत्री पर मुकदमा चलना चाहिए. मामला सन 1998 में हुए रोड रोज की घटना से संबंधित है.
वर्ष 1998 के रोड रेज के एक मामले में साल 2006 में हाईकोर्ट से सिद्धू को तीन साल की सजा मिली थी. इसके खिलाफ सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. इसी मामले में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ रोड रेज एवं गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन साल की सजा बरकरार रखने का समर्थन किया है.
1988 road rage case involving Punjab Minister Navjot Singh Sidhu: Victim family has appealed to the Supreme Court that earlier imprisonment sentence of 3 years given by Punjab & Haryana HC should be enhanced. Punjab government has appealed to the SC to uphold 3-year imprisonment.
— ANI (@ANI) April 12, 2018
इस बीच मामले में पीड़ित पक्ष गुरनाम सिंह के परिवार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. इस याचिका में कहा गया है कि सिद्धू को मिली तीन साल की सजा काफी नहीं है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए.
इससे पहले सिद्धू के खिलाफ एक नई याचिका दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया है कि सिद्धू ने वर्ष 2010 में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में माना था कि रोड रेज की घटना में उनकी भूमिका थी और उन्होंने यह माना था कि गुरुनाम सिंह को उन्होंने मारा था.
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