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राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर में आज से लागू हुआ राज्यपाल शासन

बीजेपी के पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ लेने के बाद राज्य में नई सरकार गठन की संभावना नजर नहीं आने के बाद यह फैसला लिया गया है

Updated On: Jun 20, 2018 10:00 AM IST

FP Staff

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राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जम्मू-कश्मीर में आज से लागू हुआ राज्यपाल शासन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने की अनुमति दे दी है. इसके बाद आज यानी बुधवार से राज्य में राज्यपाल शासन लग गया है.

मंगलवार को बीजेपी के पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद यहां नई सरकार बनने की संभावना नजर नहीं आने के बाद यह फैसला लिया गया है.

बीजेपी ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था संभाल पाने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी थी. बीजेपी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राज्य में बढ़ती कट्टरता और आतंकवाद के बीच सरकार में बने रहना असंभव हो गया है.

बदली परिस्थितियों में कोई भी दल नई सरकार गठन के लिए तैयार नहीं 

सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा के बाद मंगलवार शाम को महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. सरकार गिरने के बाद कोई भी दल नई सरकार गठन के लिए गठबंधन करने को तैयार नहीं है. ऐसे में सूबे में राज्‍यपाल शासन ही एकमात्र विकल्प रह गया था.

जम्मू-कश्मीर में फरवरी 2015 से पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार थी. 87 सदस्यों वाले राज्य विधानसभा में पीडीपी के 28 विधायक हैं जबकि बीजेपी चुनाव में 25 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. गठबंधन के पहले मुख्यमंत्री पीडीपी के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सईद थे लेकिन जनवरी 2016 में उनके निधन के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती को राज्य का अगला सीएम बनाया गया था.

बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर में भारत के अन्‍य राज्‍यों की तरह राष्‍ट्रपति शासन नहीं लगता है. देश के अन्य राज्यों में प्रदेश सरकार के विफल रहने पर राष्ट्रपति शासन लागू होता है लेकिन जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगाया जाता है. भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है और यह देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसके पास अलग संविधान और नियम हैं.

राज्यपाल शासन के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा या तो निलंबित रहती है या उसे भंग कर दिया जाता है. यदि 6 महीने के भीतर राज्य में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाती है तो इस व्यवस्था की अवधि को बढ़ाया जा सकता है.

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