प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल समाप्त होने के कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उनकी काफी प्रशंसा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जीवन पर आधारित 'प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी ए स्टेट्सन' पुस्तक का लोकार्पण किया.
मोदी ने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें दिल्ली में उनके शुरुआती समय में ही मुखर्जी का साथ मिला और पिछले तीन वर्षो में ऐसी कोई मुलाकात नहीं रही जब राष्ट्रपति ने उनके साथ अपने बेटे जैसा बर्ताव नहीं किया.
Like a father figure, Pranab Da has guided me. He would tell me, Modi ji please take adequate rest, take care of your health: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 2, 2017
पीएम मोदी हुए भावुक
राष्ट्रपति के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी ने भावुक अंदाज में कहा, मैं ऐसा तहेदिल से कह रहा हूं कि जैसे कोई पिता अपने बेटे का खयाल रखता है.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दी पीएम मोदी को आराम करने की सलाह
प्रधानमंत्री ने कहा, प्रणब दा कहते, मोदी जी आपको आधे दिन आराम करना होगा. क्यों आप इतनी भाग-दौड़ करते हैं. आपको अपना कार्यक्रम छोटा करना चाहिए. आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना चाहिए. मोदी ने कहा, उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि जीत और हार हमेशा होती रहती है, लेकिन आप अपने शरीर का खयाल रखें.
I will never forget that when I came to Delhi, I had someone like Pranab Da to guide me: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 2, 2017
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मानवीय पहलू
पीएम मोदी ने कहा, यह राष्ट्रपति के तौर पर उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनके भीतर की जो इंसानियत थी, उसने एक मित्र का खयाल रखा. उन्होंने मुखर्जी को एक प्रेरणादायी शख्सियत बताया. उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ अपने जुड़ाव को याद किया जिसका उनपर प्रभाव पड़ा.
मोदी ने कहा कि फोटो लेख किताब ऐतिहासिक नजरिए से महत्वपूर्ण थी क्योंकि किताब में प्रकाशित फोटोग्राफ इतिहास को अमर बना देते हैं और साथ ही भारत के राष्ट्रपति के मानवीय पक्ष को भी पेश करते हैं. जो हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं. यह किताब भारत के 13वें राष्ट्रपति के फोटोग्राफ का समग्र रिकॉर्ड है. यह किताब बतौर राष्ट्रपति मुखर्जी के कार्यकाल को कवर करने के साथ ही उनकी विभिन्न भूमिकाओं का दस्तावेज है.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध में कोई प्रभाव नही
मोदी ने कहा, दोनों के विचार अलग-अलग रहे हैं, लेकिन इसे उन्होंने खुद तक रखा और करीबी सहयोग से काम किया. मुखर्जी ने कहा कि इसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध को प्रभावित नहीं किया.
I must also share that during the Emergency I got to work with leaders and workers of very different ideologies: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 2, 2017
वही इस अवसर पर मुखर्जी ने कहा कि जब पहली बार फोटो लेख किताब का विचार उनके रखा गया था तो वह कोई बहुत अधिक इच्छुक नहीं थे. लेकिन बाद में प्रकाशकों ने उन्हें इस बात के लिए राजी कर लिया कि महत्वपूर्ण घटनाओं को दस्तावेज के तौर पर यह संजोना जरूरी है.
मुखर्जी ने कहा कि वह इसलिए इस विचार पर सहमत हो गए क्योंकि इस बारे में द स्टेट्समैन की ओर से उनसे आग्रह की गई थी और वह एक बंगाली होने के नाते वह इस अखबार के साथ साथ ही बड़े हुए थे.
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका इस समाचार पत्र के साथ लंबा रिश्ता रहा है और अधिकतर समय वे असहमति के लिए सहमत होते थे.
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली, प्रकाश जावडेकर और विजय गोयल के अलावा वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे. मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.
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